नई दिल्ली- सिम कार्ड के साथ अपनी पहचान छिपाना अब बहुत महंगा पड़ने वाला है। अब फर्जी आईडी कार्ड पर सिम रखने के कारण आपको जेल हो सकती है और 50 हजार रुपये तक का जुर्मान भी हो सकता है। इसके अलावा यदि आप व्हाट्सएप, सिग्नल या फिर टेलीग्राम पर भी अपनी पहचान छिपाकर किसी से चैट कर रहे हैं तो भी यही कानून लागू होगा और आपको जेल की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
सिम कार्ड के साथ अपनी पहचान छिपाना अब बहुत महंगा पड़ने वाला है। अब फर्जी आईडी कार्ड पर सिम रखने के कारण आपको जेल हो सकती है और 50 हजार रुपये तक का जुर्मान भी हो सकता है। इसके अलावा यदि आप व्हाट्सएप, सिग्नल या फिर टेलीग्राम पर भी अपनी पहचान छिपाकर किसी से चैट कर रहे हैं तो भी यही कानून लागू होगा और आपको जेल की सजा के साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
इस प्रावधान से साइबर क्राइम में कमी देखने को मिलेगी
सरकार का मानना है कि इस तरह के प्रावधान से साइबर क्राइम में कमी देखने को मिलेगी। टेलीकॉम बिल के सेक्शन 7 के सब-सेक्शन 4 में कहा गया है कि ग्राहकों को हर हाल में अपनी असली पहचान बतानी होगी। गलत पहचान देने या पहचान छिपाने के कारण जेल और 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या फिर दोनों सजा हो सकती है।
ड्राफ्ट बिल में यह भी कहा गया है कि ऐसे मामले में पुलिस आपको बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है और बिना कोर्ट के आदेश के जांच शुरू कर सकती है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी हाल ही में कहा था कि सरकार ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और यह अनिवार्य कर दिया है कि आगे चलकर यहां तक कि ओटीटी प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप-सिग्नल के यूजर्स को भी केवाईसी की औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम बिल 6-10 महीनों में लागू हो जाएगी।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिन एप्स का भी इस्तेमाल कॉलिंग या किसी भी तरह के कम्युनिकेशन के लिए होता है वे सभी नए टेलीकॉम बिल के अंतर्गत आएंगे, हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया यूजर्स के मैसेज को सरकार डिक्रिप्ट नहीं करेगी यानी मैसेज या कॉल पहले की तरह ही सिक्योर होंगे। उन्होंने कहा कि फोन कॉल रिसीव करने वाले को हमेशा मालूम
होना चाहिए कि कॉल किसने किया है और उसकी पहचान क्या है।
होना चाहिए कि कॉल किसने किया है और उसकी पहचान क्या है।