चंद्रग्रहण- आज 08 नवंबर को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण 15 दिनों के अंतराल पर दूसरा ग्रहण होगा। इसके पहले साल का अंतिम सूर्य ग्रहण दिवाली के दूसरे दिन यानी 25 अक्तूबर 2022 को पड़ा था। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जिसे दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा लेकिन भारत में ज्यादतर जगहों पर यह चंद्र ग्रहण आंशिक होगा केवल भारत के पूर्वोत्तर हिस्सों में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण पड़ने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां दिखाई देगा यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण।
भारत में चंद्र ग्रहण और सूतक का समय
मंगलवार 08 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। यह भारत में दिखाई देने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। धार्मिक नजरिए से जब भी ग्रहण लगता है तो सूतक काल लग जाता है। सूतक को अशुभ समय माना गया है जिसमें किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही होती है और मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल दोपहर 02 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो जाएगा। वैदिक पंचाग के अनुसार यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत के कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में दिखाई देगा जबकि बाकी जगहों पर आंशिक चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा।
यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। इस दिन मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल तीसरे भाव में वक्री चाल में विराजमान होंगे, जब चंद्रमा राहु के साथ स्थिति होंगे। अक्सर चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा के साथ केतु होता है और सूर्य के साथ राहू परंतु इस ग्रहण पर सूर्य के साथ केतु है और चंद्र के साथ राहू विराजमान है,इसलिए ज्योतिषीय दृष्टि से इसे बहुत अच्छा नहीं माना जा रहा है।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण- 08 नवंबर 2022, मंगलवार
ग्रहण की शुरुआत- दोपहर 02:39 मिनट से
भारत में ग्रहण- 4:23 से 6:19 तक
सूतक प्रारंभ- सुबह 09:21 मिनट से
आपके शहर में चंद्र ग्रहण का समय
शहर | कब से शुरू | शहर | कब से शुरू |
दिल्ली | 5.28 | नोएडा | 5.30 |
अमृतसर | 5.32 | लखनऊ | 5.16 |
भोपाल | 5.36 | लुधियाना | 5.34 |
जयपुर | 5.37 | शिमला | 5.20 |
मुंबई | 6.01 | कोलकाता | 4.52 |
रायपुर | 5.21 | पटना | 5.00 |
इंदौर | 5.43 | देहरादून | 5.22 |
उदयपुर | 5.49 | गांधीनगर | 5.55 |
सूतक काल के दौरान ध्यान रखें यह बातें-
1. सूतक समय को आमतौर पर अशुभ मुहूर्त समय माना जाता है। इसे ऐसा समय कहा जा सकता है, जिसमें शुभ कार्य करने वर्जित होते है। सूतक ग्रहण समाप्ति के बाद धर्म स्थलों को फिर से पवित्र किया जाता है।
2. सूतक के समय भोजन नहीं करना चाहिए। जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए।
3. ग्रहण के बाद पीने के पानी को बदल लेना चाहिए। अनेक वैज्ञानिक शोधों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल हो जाती है। ऐसे में यदि उनके पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
4. चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए।