क्या है धार्मिक मान्यता के शिवलिंग की वेदी का मुख क्यों उत्तर दिशा की तरफ होता है?

धर्मज्ञान-  महाशिवरात्रि का महापर्व आगामी 18 फरवरी को है. महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. इस दिन शिवभक्त देवाधिदेव महादेव की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. शिवलिंग की पूजा उपासना शिव पूजा से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है वैसे तो सप्ताह का हर दिन किसी ना किसी देवी देवता के नाम होता है. ठीक उसी प्रकार सोमवार का दिन महादेव के लिए समर्पित होता है . तो चलिए आज आपको महादेव की एक ऐसी रोचक बातें बताएंगे जो आप शायद ही कहीं सुने होंगे. क्या आपको पता है भगवान शंकर के शिवलिंग की वेदी का मुख्य आखिर उत्तर दिशा की तरफ क्यों होता है ?

उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत है. जहां भगवान शिव विराजमान है. वहीं पर कुबेर जी विराजमान हैं. उधर से सकारात्मक उर्जा भी प्राप्त होती है और दूसरी बात है, भगवती आदिशक्ति मां जगदंबा भगवान शिव के 1 भाग में विराजते हैं. इसलिए उत्तर दिशा भगवती मां शक्ति का वास माना गया है. इसलिए शिवलिंग के आगे का मुंह उत्तर दिशा की तरफ रहता है.

मुंह हमेशा उत्तर दिशा में ही रहता है

इसके अलावा कहीं भी शिवलिंग रखा जाए उसके आगे का मुंह हमेशा उत्तर दिशा में ही रहता है. उसका एक संदेश यह भी होता है कि अगर आप कहीं भी हो शिवलिंग के पास तो आपको यह पता नहीं कि उत्तर दिशा किधर है. इसके साथ ही उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत कैलाश पर्वत है. इस वजह से भी आगे का मुंह उत्तर दिशा की तरफ रहता है.

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