कौन थीं बालमणि अम्मा? जिनकी याद में गूगल ने खास अंदाज में बनाया डूडल

Balamani Amma Poems in Hindi, बालमणि अम्मा की कविता, Balamani Amma 113 Birth Anniversary: मशहूर मलयालम कवि बालमणि अम्म की आज 113वीं जयंती है। गूगल खास अंदाज मे्ं उनकी जंयती को सेलिब्रेट कर रहा है।

बालमणि की जयंती पर कुछ मुख्य बातें

  • मशहूर मलयालम कवि बालमणि अम्मा की जयंती आज
  • बालमणि अम्मा की जयंती को खास अंदाज में गूगल कर रहा है सेलिब्रेट
  • बालमणि अम्मा को पद्म भूषण सम्मान भी मिल चुका है

Balamani Amma Poems in Hindi, बालमणि अम्मा की कविता: 

जब भी किसी की जयंती या पुण्यतिथी आती है तो लोग अपने-अपने अंदाज में उसे सेलिब्रेट करते हैं। गूगल भी खास अंदाज में डूडल बनाकर उन्हें याद करता है। इसी कड़ी में आज गूगल ने मलयालम भाषा में लिखने वाली मशहूर कवि बालमणि अम्मा को अपना डूडल समर्पित किया है। जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इस डूडल को आर्टिस्ट देविका रामचंद्रन ने बनाया है। गौरतलब है कि बालमणि अम्मा को मलयालम साहित्य की दादी के नाम से भी लोग जानते हैं।

ये तो हम सब जानते हैं कि कवि भले ही इस दुनिया से चले जाएं। लेकिन, उनकी रचनाएं उन्हें हमेशा के लिए अमर कर जाते हैं। लोग उनकी कविताओं-कहानियों के जरिए अक्सर उन्हें याद करते हैं। इसी कड़ी में आज मशहूर मलयालम कवि बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती है। लिहाजा, गूगल ने आज का अपना डूडल उन्हें समपर्ति किया है। गूगल ने खास अंदाज में उनकी तस्वीर शेयर की है। जिसमें वो एक घर के बाहर कुछ लिखते हुए नजर आ रही हैं।

बालमणि अम्मा को पद्म भूषण सम्मान भी मिला

गौरतलब है कि केरल के त्रिशूर जिले में जन्मी बालमणि अम्मा ने कोई औपचारिक शिक्षा हासिल नहीं की थी। इसके बावजूद वो महान कवियित्री बनीं। बालमणि के मामा कवि थे। उनके पास किताबों का अच्छा-खासा कलेक्शन था। इसी के सहारे बालमणि को कवि बनने में मदद मिली। हालांकि, 19 साल की उम्र में बालमणि अम्मा की शादी हो गई। बालमणि अम्मा के तकरीबन 20 से ज्यादा गद्द और अनुपाद प्रकाशित हुए हैं। उन्हें भारत का तीसरा सर्वोच्चा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण सम्मान भी मिला है। इसके अलावा उन्हें सरस्वती सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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