नई दिल्ली- कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी है। इसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इसके अलावा, नवंबर माह के शुक्ल पक्ष में कई अन्य प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें तुलसी विवाह और देव दीपावली प्रमुख हैं। इस माह (नवंबर) से मार्गशीर्ष माह भी प्रारंभ हो रहा है। आइए, इस सप्ताह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में जानते हैं।
- 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इस उपलक्ष्य पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
- 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस विशेष तिथि पर भगवान विष्णु और तुलसी माता परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर वर्ष कार्तिक माह में तुलसी विवाह मनाया जाता है।
- 24 नवंबर को प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।
- हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाती है। इस वर्ष 25 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है। इस वर्ष 26 नवंबर को देव दीपावली है। इस दिन मासिक कार्तिगाई दीपम भी मनाया जाएगा। सनातन धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व है। इस दिन देवता पवित्र नगरी काशी आते हैं।
- देव दीपावली के अगले दिन तिथि अनुसार कार्तिक पूर्णिमा है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके पश्चात, विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि पर दान करने का विधान है। अतः साधक पूर्णिमा के दिन आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान करते हैं।
- 28 नवंबर से मार्गशीर्ष का महीना शुरू होगा। इस दिन रोहिणी व्रत मनाया जाएगा। यह दिन वासुपूज्य स्वामी को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धा भाव से वासुपूज्य स्वामी की पूजा की जाती है।
- 30 नवंबर को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है।