अकोला -अकोट ट्रेन के सुरु होने से हुआ कमाल, अकोट-खंडवा रेल लाइन के कार्य को मिली मंजूरी

तुकईथड़/अकोला/खंडवा से विशेष रिपोर्ट -अकोला-खंडवा मीटरगेज रेलवे पटरी पर बनने वाला 4 का आंकड़ा जल्द ही इतिहास बनकर रह जाएगा। लंबे समय से चल रही प्रक्रिया में अब रेलवे ने मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार को जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव दे दिया है। इस प्रस्ताव में रेलवे पटरी से बनने वाला 4 का आंकड़ा नहीं है। मेलघाट के बजाय अब डायवर्ट रूट से रेल मार्ग बनेगा।

आकोट से अकोला रेल मार्ग बनकर पूरा हो चुका है। यहां ट्रेन चलना भी शुरू हो चुकी है। अब आकोट से आमुल्लाखुर्द के बीच बचे रूट पर बना गतिरोध खत्म होता नजर आ रहा है। मेलघाट टाइगर रिजर्व की वजह से जो दिक्कतें आ रही थीं, वह अब दूर हो चुकी है। इस रूट को अब आने वाले समय में बनाया जाएगा। इसके लिए जो रूट डायवर्ट करने संबंधी प्रस्ताव था वह फाइनल हो चुका है।

रेलवे बोर्ड ने इस पर मोहर लगा दी है। इसी कड़ी में दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में वन भूमि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव लगा दिए गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश में करीब 133 हैक्टेयर वन भूमि और महाराष्ट्र में करीब 18 हैक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। पूर्व में जो रेलवे लाइन सेक्शन थी और जिस पर विवाद चल रहा था, उसकी लंबाई 51 किमी थी लेकिन अब रूट डायवर्ट करने से इस सेक्शन की लंबाई 29 किमी बढ़ जाएगी।

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  • अकोला-खंडवा अंतर होगा 206 कि.मी.

गेज परिवर्तन के लिए रेल्वे मार्ग आरक्षित वनक्षेत्र के बाहर से तैयार किये जाने के कारण अकोला से खंडवा तक की दूरी 29 किलोमीटर से बढ़ेगी. विद्यमान रेलवे मार्ग यह 174 किलोमीटर का था. वह अब नये मार्ग से यह अंतर 206 किलोमीटर होगा.

• धुलघाट, वानरोड, डाबका स्टेशन होंगे बंद

अकोट से खंडवा तक नया रेलमार्ग तैयार करते समय पुराने रेल्वे मार्ग के धुलघाट, वानरोड, डाबका स्टेशन बंद होने वाले हैं. नया मार्ग अडगांव, हिवरखेड, सोनाला जामोद, खकनार, खिकरी मार्ग से तुकाईथड में पुराने मार्ग पर जोड़ा जाएगा.

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