जयपुर- हिमाचल, कश्मीर, उत्तराखंड के मैदानों में बर्फ जमने जैसा नजारा शनिवार को राजस्थान के कई शहरों में देखने को मिला। राजस्थान में शुक्रवार रात प्रदेश में इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही। शीतलहर चलने और गलनभरी सर्दी के कारण चूरू, माउंट आबू, फतेहपुर, जयपुर के जोबनेर में पारा माइनस में चला गया।
इस साल पहली बार ऐसा हुआ जब फतेहपुर के अलावा अन्य तीन और जगहों पर पारा जीरो से नीचे चला गया। शेखावाटी अंचल, हिल स्टेशन माउंट आबू, जयपुर समेत कई जगह खुले इलाकों में बर्फ जम गई। बीती रात सबसे कम तापमान फतेहपुर में माइनस 3.8 दर्ज हुआ।
बीती रात चूरू में माइनस 1.1, जयपुर के जोबनेर में माइनस 2, माउंट आबू में माइनस 3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। माउंट आबू में पहली बार 24 घंटे के अंतराल में पारा 0 से माइनस 3 पर चला गया। आबू में सुबह 9 बजे तक मैदानों में बर्फ जमी नजर आई। यहां अमूमन पारा 0 के बाद एक-एक डिग्री की गिरावट के साथ माइनस में जाता है। माउंट आबू के मैदानों में और नक्की झील के किनारे बर्फ परत जमी नजर आई। इसके अलावा सीकर, हनुमानगढ़, नागौर, भीलवाड़ा में तापमान 0 से 1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ
इन इलाकों में रहा 1 डिग्री से नीचे तापमान
शहर | न्यूनतम तापमान |
फतेहपुर | -3.8 |
माउंट आबू | -3 |
जोबनेर (जयपुर) | -2 |
चूरू | -1.1 |
नागौर | 0.3 |
हनुमानगढ़ | 0.7 |
सीकर | 0.7 |
भीलवाड़ा | 1 |
एक्सपर्ट ने बताया फसलों को बचाने का तरीका
फतेहपुर एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन प्रो. शीशराम ढाका ने बताया कि तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने के बाद सब्जियों की फसलों में पाला पड़ना शुरू हो जाता है। टमाटर, बैंगन, मिर्ची, गोभी जल्दी नष्ट होने की वाली फसलें है। रबी की फसल जैसे गेहूं, सरसों, चना, अलसी, जीरा, धनिया, आदि पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसे रोकने के लिए गंधक के तेजाब का 0.1 फीसदी मिलाकर उसका छिड़काव करना चाहिए।