गाड़ी पर तिरंगा लगाने से पहले हो जाएं सावधान! जानें क्या कहते हैं नियम

नई दिल्लीः राष्ट्रीय त्योहार आते ही लोगों के मन में देशभक्ति की भावना उमड़ने लगती है. खासकर गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को लोग घरों, कार, बाइक आदि पर तिंरगा झंडा लगाते हुए दिखाई दे जाते हैं. कोई शरीर पर तिरंगे झंडे का पेंट कराता है, तो कोई सीने में बैज लगाकर देशभक्ति की भावना को प्रकट करता है. एक बार फिर गणतंत्र दिवस आने वाला है. ऐसे में कई लोगों ने अपनी गाड़ियों पर तिंरगा झंडा लगाने के लिए खरीद लिया होगा, लेकिन ऐसा करने से पहले सावधान हो जाइए. ऐसा करने पर आपको सजा हो सकती है, आइए जानते हैं, क्या कहते हैं नियम.

कुछ विशेष लोग लगा सकते हैं झंडा

गणतंत्र दिवस से पहले बाजार में तिरंगा झंडे बिकते हुए दिखाई दे रहे हैं. कई लोग गाड़ियों पर झंडा लगाने के लिए, इनको खरीदते भी हैं, लेकिन ऐसा करने से आपको सजा हो सकती है. इंडियन फ्लैग कोड के अनुसार, गाड़ियों पर झंडा लगाने का अधिकार कुछ विशेष लोगों को ही दिए गए हैं, इनके अलावा कोई शख्स गाड़ी पर झंडा लगाता है, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है.

झंडा लगाने के हैं कुछ नियम

राष्ट्रीय झंडा फहराने को लेकर साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड बनाया गया था. इसके तहत, झंडा फहराने को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए. इन्हीं नियमों में से एक में बताया गया कि गाड़ियों पर झंडा कौन लगा सकता है. इसके लिए, उनको विशेष अधिकार दिए गए हैं.

इनको है तिरंगा लगाने का अधिकार

नियम के अनुसार, राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट राज्य मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, राज्यसभा उपाध्यक्ष, राज्यपाल, उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश और भारत के विदेशों में कार्यरत कमीशन व पोस्ट के अध्यक्ष ही गाड़ियों पर झंडा लगा सकते हैं. इनके अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा गाड़ी पर झंडा लगाने पर जेल या जुर्माना हो सकता है.

साल 2004 में मिली घरों पर तिरंगा फहराने की इजाजत

बता दें कि पहले घरों पर भी तिरंगा फहराने की इजाजत नहीं थी. केवल सरकारी ऑफिस, विभाग व शिक्षण संस्थानों पर ही तिरंगा फहराया जा सकता था. इसके खिलाफ नवीन जिंदल कोर्ट गए. उनकी याचिका पर साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने हर भारतीय को झंडा फहराने की इजाजत दी.

शर्तों के साथ रात में भी फहराया जा सकता है तिरंगा

बता दें कि पहले रात में भी तिरंगा नहीं फहराया जा सकता था. सूर्यास्त के समय सम्मान के साथ इसे उतारा जाता है और फिर दोबारा सुर्योदय के समय फहराया जाता है. वहीं, दिसंबर 2009 में गृह मंत्रालय ने रात में तिरंगा फहराने के लिए सशर्त सहमति दी. नियम के मुताबिक, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो, तो रात में भी तिरंगा फहराया जा सकता है.

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