1 जुलाई से बैन, आपके घर से भी गायब होंगे ये सामान, AMUL से लेकर मदर डेयरी तक को राहत नहीं

नई दिल्ली/मुंबई- सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को स्थिति साफ करते हुए एलान किया है कि बैन को 1 जुलाई से लागू होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योगपतियों और आम जनता को सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं पर प्रतिबंध की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया है और वह इसमें सभी के सहयोग की उम्मीद करती है। इसे 1 जुलाई से लागू किया जा रहा है। दरअसल, उनसे कुछ उद्योगपतियों ने और समय देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि वे अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं।

 तैयारी के लिए पर्याप्त समय

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि 1 जुलाई, 2022 तक 19 चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की अधिसूचना अगस्त 2021 में जारी की गई थी। हमने एसयूपी वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया है। हमने उन्हें (एसयूपी वस्तुओं में काम करने वालों को)भविष्य के लिए निश्चितता दी है।उन्हें समझा दिया और उनमें से अधिकांश इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने उद्योगों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। सरकार को सिंगल यूज वाली प्लास्टिक वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में उनसे सहयोग की उम्मीद है।

पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के तहत 19 एसयूपी वस्तुओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की अधिसूचना जारी की गई थी। अब 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वाली इन 19 वस्तुओं का प्रयोग पर प्रतिबंल लागू हो जाएगा। इसके उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें अधिनियम की धारा 15 के तहत जुर्माना या जेल की अवधि शामिल है।
गौरतलब है कि पिछले साल 12 अगस्त को, मंत्रालय ने 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।

ये वस्तुएं हैं शामिल

इन एसयूपी आइटम में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकेजिंग फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर शामिल हैं।

इससे पहले कान्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र भेजकर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की समय सीमा को एक साल बढ़ाकर 1 जुलाई, 2023 तक करने का अनुरोध किया था। कैट ने कहा था कि हम अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं।

पहली बार यूज करने पर 500 रु. जुर्माना, बनाने पर 5 हजार

केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार पहली बार में प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करते पकड़े जाने पर 500, दूसरी बार में 1000 और तीसरी बार में जुर्माना 2000 रुपए वसूल किया जाएगा। संस्था स्तर पर यानी जहां प्रोडक्ट बनते हैं वहां पहली बार में 5000, दूसरी बार में 10 हजार और तीसरी बार में 20 हजार तक जुर्माना वसूल किया जाएगा।

इसके अलावा प्लास्टिक बैग या उससे सामान बनाने वाली कंपनी पर पहली बार में 5000 रुपए प्रति टन, दूसरी बार में 10 हजार और तीसरा बार में 20 हजार रुपए प्रति टन का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

ऐसे समझें- सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?

सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब प्लास्टिक से बने उन प्रोडक्ट से है जिसे केवल एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आसानी से डिस्पोज नहीं किए जा सकते हैं। सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के तहत वस्तुओं की पैकेजिंग से लेकर बोतलें(शैंपू, डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक्स), पॉलिथीन बैग, फेस मास्क, कॉफी कप, क्लिंग फिल्म, कचरा बैग, फूड पैकेजिंग जैसी चीजें आती हैं।

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