अब गाड़ी पर ‘पुलिस’ लिखोगे तो भुगतोगे! ऐसे लोगों की खैर नहीं

पुलिस की गाड़ी तो क्या रुकेगी नहीं?

हमारे देश में गाड़ियों पर पुलिस के अलावा और जातियों को लिखने का भी फैशन है. आपने अक्सर अपने आसपास ऐसी कई गाड़ियां देखी होंगी, जिन पर जाति सूचक शब्द लिखे होते हैं, या बड़े-बड़े अक्षरों में पुलिस लिखा होता है. लोगों को ऐसा लगता है कि कार के शीशे पर जाति या उनका पेशा लिखा हो तो उन्हें सम्मान की नज़रों से देखा जाएगा और ऐसी गाड़ियों को ना तो रोका जाएगा और ना ही इनसे कोई सवाल पूछने की हिम्मत करेगा. लेकिन हमें लगता है कि ये एक मानसिक बीमारी है और इसका इलाज बहुत जरूरी है.

Just be careful, if the police, lawyers are written on your car, then a thick challan can be cut.

गाड़ियों पर पुलिस लिखने के पीछे क्या मानसिकता होती है. इसे आप तीन Points में समझ सकते हैं.

इनमें पहला है अपनी पहुंच और ताकत का प्रदर्शन करना. जब किसी गाड़ी पर पुलिस लिखा होता है तो उसे अलग नजरिए से देखा जाता है. लोगों को लगता है कि ये तो पुलिस की गाड़ी है, इसका कोई क्या बिगाड़ लेगा.

दूसरी बात, सिर्फ पुलिसकर्मी ही अपनी गाड़ी पर अपने विभाग का नाम नहीं लिखते. बल्कि उनके रिश्तेदार, दूर के रिश्तेदार और उनके दोस्त भी ये सोच कर अपनी गाड़ियों पर पुलिस का स्टीकर लगा लेते हैं कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होने पर उन्हें इसकी वजह से कुछ डिस्काउंट मिल जाएगा. आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होने पर जब पकड़े जाते हैं तो ये कहते हैं कि तुम जानते नहीं हो कि मेरी पुलिस में कितनी पहचान है.

तीसरी बात, जो बहुत कम लोगों को पता होती है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होने पर आम लोगों से जितना जुर्माना वसूला जाता है, अगर वही ट्रैफिक नियम कोई पुलिसवाला तोड़े तो उससे जुर्माने की दोगुनी राशि वसूली जाती है. यानी अगर एक आम आदमी ने हेलमेट नहीं पहनने के लिए एक हजार रुपये का जुर्माना भरा है तो पुलिस वाले को ऐसा करने के लिए दो हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. इसी जुर्माने से बचने के लिए गाड़ियों पर पुलिस लिखा जाता है ताकि जब कोई दूसरा पुलिसकर्मी उस गाड़ी को रोके तो वो इस बात को समझे और उसका कोई चालान ना करे.

पुलिस वाले नहीं काटते पुलिस लिखी गाड़ियों का चालान

आपने भी ऐसी गाड़ियों को देख कर कभी ना कभी ये जरूर कहा होगा कि पुलिस भला पुलिस का चालान क्यों काटेगी? तो बस यही रूतबा, गाड़ियों पर पेशे की नुमाइश का रूप ले लेता है. लेकिन मुंबई पुलिस ने एक सर्कुलर जारी करके कहा है कि अब कोई भी पुलिसकर्मी अपनी निजी गाड़ी पर पुलिस का स्टीकर नहीं लगा सकेगा. अगर किसी ने इस नियम का उल्लंघन किया तो उस पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का मामला तो दर्ज होगा ही, साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.

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