राज्य के सभी कारोबारियों को खाने का सामान अखबारी कागज में देने पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया गया है। खासकर वड़ा पाव, पोहा, मिठाई और भेल जैसे सामान, जो ठेले पर बिकते हैं, वहां प्लेट की जगह अखबार के कागज का ही इस्तेमाल किया जाता है। नए आदेश के अनुसार अखबारी कागज में सामान देने पर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सड़क किनारे ज्यादातर आइटम कागज पर मिलते हैं
दरअसल, सड़क किनारे बिकने वाले खाने के ज्यादातर आइटम कागज में ही लपेटकर दिए जाते हैं। FDA ने कहा कि इसे अगर तुरंत बंद नहीं किया जाता है तो कड़ी कार्रवाई के लिए विक्रेता तैयार रहें। FDA ने आदेश में कहा कि अखबारी कागज में जो स्याही इस्तेमाल की जाती है, उसमें केमिकल की मिलावट होती है। इसलिए इस तरह के कागज में खाने वाले आइटम नहीं दिए जा सकते हैं।
अखबार की स्याही धीमा जहर जिससे कैंसर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
इस आदेश में कहा गया था कि भारतीयों को धीरे-धीरे इस माध्यम से जहर दिया जा रहा है, क्योंकि छोटे होटल, वेंडर्स और घरों में भी यह प्रचलन चल रहा है। आदेश के मुताबिक, न्यूज पेपर और यहां तक कि कार्डबोर्ड रीसाइकल्ड पेपर से बनाए जाते हैं, जिसमें ढेर सारे केमिकल्स होते हैं। ये केमिकल ऑर्गन और इम्यून सिस्टम पर असर डालते हैं। इससे कैंसर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।