मोदी कैबिनेट का अनुसूचित जनजातियों पर बड़ा फ़ैसला, 12 जातियां ST में शामिल

देश के पांच राज्यों की जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है

नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (14 सितंबर, 2022) को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। ठाकुर ने कहा कि सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय के लोग काफी समय से यह मांग कर रहे थे कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जौनसार क्षेत्र में ऐसे ही लोगों को यह दर्जा प्राप्त है। ऐसे में यह ऐतिहासिक निर्णय किया गया है।

महापंजीयक से सलाह करने और अंतर मंत्रालयी विमर्श के बाद  मंजूरी मिली।

 जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिझिया समुदाय को ओडिया और झारखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। इसमें राज्य से सिफारिश आने, भारत के महापंजीयक से सलाह करने और अंतर मंत्रालयी विमर्श के बाद मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया और इसे मंजूरी मिली।

मुंडा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नारिकुर्वर और कुरूविकरण को भी इस सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुंडा ने कहा, ‘5 राज्यों में विभिन्न आदिवासी-संबंधी मुद्दों पर निर्णय लिए गए हैं जो वर्षों से लंबित पड़े हैं।’ जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया।

बता दें कि इस बारे में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में लोगों से इस बदलाव के बारे में चुनावी वादा भी किया था। भाजपा ने गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए कानून लाने का वादा किया था।

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