चंद्रपुर-विदर्भ के भूगर्भ में छिपे नए नए धातुओ और खनिज तत्त्व अध्ययन में सामने आ रहा है। यहां करोड़ों वर्ष पूर्व तैयार खनिज, मूल्यवान धातु, कोयला व जीवाश्म मिले थे परंतु अब मीथेन गैस का भंडार होने संकेत समय-समय पर मिल रहे हैं। अब तक ऐसा माना जा रहा था के प्राकृतिक गैस का भंडार समंदर में ही मिलता था परंतु पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के 2016-17 में किए सर्वे में चंद्रपुर जिले में 331 स्के/किमी भू क्षेत्र में 37 तो सिरोंचा ब्लॉक में 709 वर्ग/किमी परिसर में 47 बिलियन क्यूबिक मीटर कोल बेडेड मीथेन का भंडार मिला है।
यह जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे, हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार, एनजीसी के सर्वे के हवाले से पर्यावरण व भूशास्त्र अभ्यासक प्रो. सुरेश चोपणे ने दी है। 1996-98 में भी चंद्रपुर और गड़चिरोली जिले में सर्वे किया गया था परंतु अत्याधुनिक तकनीक नहीं होने से इस भंडार का आकलन नहीं हो पाया था। जमीन में स्थित कोल बेड मीथेन भंडार की ओर सरकार का ध्यान गया तो 2016-17 में विविध तकनीक के माध्यम से सर्वे किया गया। चंद्रपुर ब्लॉक पूर्व विदर्भ के प्राणहिता-गोदावरी बेसिन में समावेश है।
इस श्रेणी -3 में आनेवाले बेसिन का विस्तृत अध्ययन करने के बाद यहां व्यवसायिक भंडार मिला। विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ ब्लॉक के संबंध में गेल, लॉयड और सोलार ग्रुप की बैठक हुई, किंतु पर्यावरण व वन कानून के चलते अब तक किसी कंपनी ने यह ब्लॉक नहीं लिया।