सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर सक्रांति इस बार 14 जनवरी को होगा।इस दिन सूर्य देवता धनु राशि निकलकर मकर राशि में दोपहर 2.32 बजे प्रवेश करेंगे। इसके चलते पुण्यकाल सूर्य अस्त 5.55 बजे तक 3.37 मिनिट रहेगा। इस बार सक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथों में गदा रूपी शस्त्र है। ज्योतिर्विदों के मुताबिक मकर सक्रांति का सामान्य फल विद्वान और शिक्षित के लिए लाभ दायक रहेगी। अनिष्टकारी न होने के बावजूद भय और चिंता का वातावरण भी निर्मित होगा।साथ ही महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा।
मतमतांतर के साथ सक्रांति का पर्वकाल 15 जनवरी को भी माना जाएगा।ज्योतिर्विद् आचार्य के अनुसार मकर सक्रांति इस बार पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन 14 जनवरी को शुक्ल और ब्रह्म योग के मंगलकारी संयोग में मनाई जाएगी।इस दिन रोहणी नक्षत्र भी रहेगा।
शास्त्रों में उल्लेख है कि सूर्य अस्त होने से पहले जिस दिन सूर्य राशि परिवर्तन करता है उसी दिन उसका पर्व माना जाता है। इसके चलते विश्वविजय, निर्णय सागर, चिंताहरण आदि पंचांगों में पर्व 14 जनवरी का बताया गया है। इसके अलावा उदया तिथि की महत्ता के अनुसार 15 जनवरी को भी सक्रांति स्नान-दान मत-मतांतर के साथ लोग करेंगे।
ऐसा होगा संक्रांति का स्वरूप
-वाहन : बाघ
-उपवाहन : अश्व
-वस्त्र : पीले
-गमन : पूर्व दिशा
-शस्त्र : गद्दा
-पात्र : रजत
-गंधद्रव्य : कुमकुम
-वय : कुमारी
राशिनुसार इन सामग्री का करें दान
– मकर व कुंभ राशि वालों को इस दिन काले तिल और जरूरतमंद को कंबल दान करना चाहिए। इससे राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
– मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातकों को अशुभ प्रभाव से निजात के लिए कंबल दान करना चाहिए।
– वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को खिचड़ी और फल का दान करना चाहिए।इससे शनि की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
– वृषभ, कर्क और कन्या राशि वालों को वस्त्र दान करना हितकर होगा।वस्त्र पुराने या इस्तामल किए नहीं होना चाहिए।