GST को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, चेक करें खाने के सामान पर अब कितना लगेगा टैक्स?

जीएसटी काउंसिल की बैठक में गैर ब्रांडेड फूड ग्रेन पर टैक्स छूट का दायरा सीमित किया।अगली बार जब आप महीने का किराना सामान लेने किसी दुकान या हाइपर स्टोर में जाएं तो गेहूं, चावल, दाल समेत दूसरे फूड ग्रेन 5% से 12% तक महंगे मिलें। इस बार दाम बढ़ने का कारण मांग बढ़ना और आपूर्ति घटना नहीं, बल्कि जीएसटी काउंसिल का एक फैसला है। 29 जून को हुई बैठक के बाद काउंसिल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गैर ब्रांडेड वे फूड ग्रेन जिनके पैक पर भार, कीमत और दुकानदार और हाइपर मार्केट का ब्रांड अंकित होगा, वे टैक्स के दायरे में आएंगे।

टैक्स कितना होगा, इसका फैसला 18 जुलाई तक होगा। ब्रांडेड फूड ग्रेन पर पहले से ही 5% टैक्स लग रहा है। अब ग्राहक को पहले से ही पैक करके बेचे गए फूड ग्रेन पर टैक्स लगाया गया है। माना जा रहा है कि कुछ आइटम 5% और कुछ 12% जीएसटी के दायरे में आएंगे।

पैक्ड आटा, दाल, चावल और फलीदाना पर 5% और काबुली चना समेत दूसरी वस्तुओं पर 12% तक टैक्स लगेगा। इस नियम से काजू, बादाम जैसे ड्राईफ्रूट्स पर टैक्स बढ़ सकता है। अभी पैक्ड या ब्रांडेड ड्राईफ्रूट्स पर 12% और सामान्य पैक के साथ बेचने पर 5% जीएसटी लगता है। ताजा नियमों के बाद इन पर भी टैक्स बढ़ सकता है।

25 किलो या 25 लीटर से अधिक के फूड ग्रेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा

सभी तरह के गैर ब्रांडेड फूड आइटम और फूड ग्रेन जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। काउंसिल छूट का दायरा सीमित करना चाहती है। अब ऐसे सभी प्री-पैक्ड फूड आइटम और फूड ग्रेन जीएसटी के दायरे में आएंगे जो भारतीय नापतौल अधिनियम के तहत पैक किए गए हैं।

नापतौल अधिनियम के तहत ग्राहक की गैर मौजूदगी में पैक ऐसे फूड ग्रेन जिसमें दुकानदार के नाम की सील के साथ पैक आइटम का भार और कीमत अंकित करना प्री-पैक्ड आइटम कहलाता है। यह आइटम केवल ग्राहक को ही बेचे जाते हैं।

हालांकि 25 किलो या 25 लीटर से अधिक के फूड ग्रेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा जिसमें बेचने वाला दुकानदार अपने ब्रांड का दावा त्याग देता है और वह ग्राहक के बजाय संस्थाओं, विभागों और उद्योगों को बेचे जाते हैं। तकनीकी भाषा में इसे बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) सप्लाई कहते हैं।

ट्रेटा पैक पर लगेगा 18 फीसदी जीएसटी

इसी तरह टेट्रा पैक पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. साथ ही चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा शुल्क लिया जाता है. एटलस सहित मानचित्र और चार्ट पर 12 फीसदी शुल्क लगेगा. इसके आलावा अनपैक्ड, अनलेबल और अनब्रांडेड सामान जीएसटी से मुक्त रहेगा.

70 प्रतिशत ग्राहक बने बनाए पैक खरीदते हैं

नए नियम के पीछे मंशा यही है कि गैर ब्रांडेड फूड ग्रेन को मिल रही छूट का दायरा सीमित किया जाए। ऐसे समय में जब महंगाई तेजी से बढ़ रही है। सरकार का जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई छू रहा है। यह कदम और महंगाई बढ़ाएगा। वजह साफ है कि दुकान पर जाने वाले 70% ग्राहक बने बनाए पैक खरीदते हैं। इन सबको ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे।

कई प्रोडक्ट्स पर लगने वाली जीएसटी दर को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अगर आप भी पैकेट बंद प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं तो जान लें कि आपको उन प्रोडक्ट्स पर कितना टैक्स देना होगा. जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेट बंद और लेबल युक्त  दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है.

18 जुलाई से लागू होंगी नई दरें

आपको बता दें टैक्स की दरों में बदलाव 18 जुलाई से लागू हो जाएगा. बता दें पहले से पैक और लेबल वाले गेहूं का आटा, पापड़, पनीर, दही और छाछ पर 5 फीसदी कर लगेगा.

कैसीनो और ऑनलाइन गेमिंग पर अभी होगा और विचार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी परिषद ने यहां दो दिवसीय बैठक में अपने द्वारा नियुक्त विभिन्न समूहों द्वारा दरों को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया, जिसके परिणामस्वरूप टैक्स की दरों में बदलाव किया है. हालांकि, परिषद ने कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर जीओएम की रिपोर्ट पर आगे विचार-विमर्श करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही इस रिपोर्ट को मंत्रियों के पैनल में वापस भेजने का फैसला किया.

28 फीसदी टैक्स लगाने का था प्रस्ताव

बता दें गोवा के वित्त मंत्री चाहते थे कि कैसीनो पर लागू होने वाली जीएसटी दर पर और चर्चा हो और इस संदर्भ में ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ दोनों पर भी फिर से विचार किया जाएगा. पैनल ने तीनों गतिविधियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी और उन्हें जुए के बराबर किया था.

होटल के कमरों पर कितना लगेगा टैक्स?

इसके अलावा एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल के कमरों पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा. फिलहाल यह छूट की श्रेणी में आता है. इसके अलावा 5,000 रुपये प्रति दिन (आईसीयू को छोड़कर) से ऊपर के अस्पताल के कमरे के किराए पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा. सोलर वॉटर हीटर पर अब पहले के 5 फीसदी की तुलना में 12 फीसदी जीएसटी लगेगा.

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