
केरल हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘याचिकाकर्ता की अपील ‘तुच्छ’, ‘राजनीति से प्रेरित’ और प्रचार हित की याचिका’ है. न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता पीटर मयालीपरम्पिल को छह हफ्ते के अंदर केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (Kerala Legal Services Authority) के पास जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर जुर्माना जमा नहीं करने की सूरत में, KLSA उसके खिलाफ राजस्व वसूली की कार्यवाही शुरू करके याचिकाकर्ता की संपत्ति से राशि की वसूली करेगा.



