नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने दिव्यांग जनों और महिलाओं-बच्चों के अनुकूल पेयजल के टैप बनाने की बात कही है। सरकार के अनुसार, बच्चों की पहुंच के लिहाज से पेयजल के टैप तक पहुंचने और सहारे के लिए हाथ से पकड़ने लायक हत्था या टैप बनाया जाएगा। इसके साथ ही टैप पर ब्रेल लिपि में लिखे संकेतक, स्वचालित सेंसर और पर्याप्त रंगों की उपस्थिति होगी
दिव्यांग जनों और किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे लोगों को सुविधाजनक जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को ये प्रविधान सुझाए गए हैं। केंद्र सरकार ने दिव्यांग जनों के साथ ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कम दृष्टि वालों लोगों के लिए पाइपयुक्त जलापूर्ति की सुविधा के लिए दिशा-निर्देशों का प्रस्तावित मसौदा जारी किया है।
सरकार ने 30 अक्टूबर तक सुझाव और आपत्तियां मांगी
इस पर सभी पक्षों से 30 अक्टूबर तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। दिशा-निर्देशों में दिव्यांग लोगों के लिए पेयजल के प्वाइंट की ऊंचाई और डिजाइन को फिर से निर्धारित करने के लिए कहा गया है। इसी तरह बच्चों और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए भी वाटर प्वाइंट एडजस्ट किए जाएंगे। बच्चों के लिए यह ऊंचाई 500 से 700 मिलीमीटर होनी चाहिए और व्हील चेयर का इस्तेमाल करने वालों के लिए 850 एमएम से कम।
सुगम जलापूर्ति की डिजाइन के लिए भी जरूरी सुझाव
इन दिशानिर्देशों में दिव्यांग लोगों और समस्याओं का सामना करने वाले दूसरे आबादी समूहों के लिए सुविधाजनक और सुगम जलापूर्ति की डिजाइन के लिए भी जरूरी सुझाव दिए गए हैं। इसमें उन लोगों को ध्यान में रखा गया है, जो अस्थाई रूप से भी पहुंच संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे गर्भवती महिलाएं या छोटे बच्चों को अपने साथ ले जानी वाली महिलाएं अथवा वे जो अल्पकालिक शारीरिक व्याधियों से ग्रस्त हैं। केंद्र सरकार के अनुसार ऐसे लोगों को भी टैप से पानी प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
आंगनवाड़ी, केंद्र अस्पताल, पंचायतों आदि में होगा बदलाव
प्रस्तावित दिशा-निर्देशों में मौजूदा व्यवस्थाओं से तुलना भी की गई है और जरूरी सुधार के साथ स्पष्ट मानक निर्धारित किए गए हैं। ये सुधार घरों में पानी की आपूर्ति से लेकर सामुदायिक और संस्थागत स्तर पर भी किए जाने हैं। इनमें सरकारी कार्यालय और अन्य सार्वजनिक स्थल शामिल हैं। दिशा-निर्देशों में आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व आवासीय विद्यालय, हेल्थ और वेलनेस सेंटर, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नागरिक और जिला अस्पताल, पंचायत कार्यालय और बाजारों को कवर किया गया है।
अलग-अलग ऊंचाई के दो वाटर प्वाइंट होंगे या…
इसका अर्थ यह है कि एक स्थान पर या तो अलग-अलग ऊंचाई के दो वाटर प्वाइंट होंगे या एक ही प्वाइंट पर दो ऐसे नल होंगे जिन्हें अलग-अलग ऊंचाई पर एडजस्ट किया जा सकेगा। जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने इन दिशा-निर्देशों की रूपरेखा तैयार की है। ये दिशा-निर्देश पेयजल के टैप के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों के लिए भी हैं।