अब 40 नहीं, 100 दिन का हीटवेव; आने वाले समय में सदी के आखिर तक तबाह हो जाएंगी फसलें

नई दिल्ली- इन दिनों गर्मी से दिल्ली, राजस्थान सहित पूरा देश बेहाल है। ये स्थिति तो तब है जब देश में 1991 से 2018 के बीच औसत तापमान 0.7 डिग्री तापमान बढ़ा। माना जा रहा है कि 2022 में ये आंकड़ा 0.9 डिग्री बढ़ गया है। जरा सोचिए, 31 साल में औसत तापमान में हुई 0.9 डिग्री की बढ़ोतरी ने इतना बेहाल कर दिया है तो तब क्या होगा, जब औसत तापमान 4 डिग्री तक बढ़ जाएगा।

आमतौर पर गर्मियों में लोग पहाड़ी इलाकों का रुख करते हैं, लेकिन अब वहां भी राहत नहीं मिलेगी। शिमला जैसी जगहों पर एक साल में हीटवेव के दिन दोगुना हो गए। ग्रीनपीस इंडिया ने दिल्ली, जयपुर, भोपाल, पटना, लखनऊ, शिमला सहित देश के 10 बड़े शहरों में मौसम में आए बदलाव को लेकर एक अहम रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में कई डरावने खुलासे हुए हैं।

40 की जगह अब साल में 100 दिन हीटवेव

भारत में 1950 के दशक में साल में 40 दिन हीटवेव चलती थी। 2020 में ये आंकड़ा 100 दिन तक पहुंच गया। इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि हीटवेव का कहर इसी तरह बढ़ता रहा, तो सदी के अंत तक औसत तापमान 4 डिग्री बढ़ जाएगा। कोई भी इतनी गर्मी झेल नहीं पाएगा। फसलें तबाह हो जाएंगी। हीटवेव इंसानों और जानवरों की मौत का कारण बनेगी।

हीटवेव में भारत की रैंक 5वीं, 50 साल में 17,000 मौतें

रिपोर्ट के अनुसार हीटवेव के मामले में भारत दुनिया में पांचवें नंबर पर है। भारत में पिछले 50 साल में हीटवेव से 17 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। 1971 से वर्ष 2019 के बीच भारत में 706 दिन हीटवेव रही।

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