हाइलाइट्स
- विनिमय के माध्यम के रूप में करेंसी का उपयोग किया जाता है।
- कुवैती दिनार है सबसे शक्तिशाली करेंसी।
- कुवैती दीनार 246 रुपए के बराबर है।
मुद्राएं मूल्य के भंडार के रूप में कार्य कर सकती हैं और विदेशी मुद्रा की मदद से बाजारों में राष्ट्रों के बीच व्यापार किया जा सकता है, जो विभिन्न मुद्राओं के अनुसार मूल्यों को निर्धारित करते हैं। इन मुद्राओं या करेंसियों को सरकारी मान्यता प्राप्त होती है इसी कारण भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसे जारी करता है।
कौन सी करेंसी है विश्व की सबसे शक्तिशाली करेंसी?
अक्सर हम यो सोचते हैं कि विश्व के सबसे मजबूत देश की करेंसी ही विश्व की सबसे शक्तिशाली करेंसी होगी लेकिन ऐसा नहीं है। विश्व का छोटा सा देश कुवैत जिसकी करेंसी यानी मुद्रा कुवैती दिनार विश्व की सबसे शक्तिशाली मुद्रा है।
कुवैती दीनार को व्यापक रूप से दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्रा माना जाता है। कुवैती दीनार को संक्षेप में KWD भी कहते हैं। कुवैती दिनार मुद्रा को पहली बार वर्ष 1960 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता लेने के बाद पेश किया गया था और तब से यह दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्रा बन गई है।
कैसे बनी दिनार सबसे शक्तिशाली करेंसी?
इस करेंसी को विश्व की सबसे मजबूत करेंसी बनाने में इस देश की तेल की खान और इस देश की संतुलित अर्थव्यव्था है सबसे बड़ा कारक है। कुवैत के पास दुनिया के वैश्विक तेल भंडार का नौ प्रतिशत हिस्सा है।
कुवैत की अर्थव्यवस्था तेल निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है क्योंकि इसके पास सबसे बड़ा वैश्विक तेल भंडार है। तेल की इतनी अधिक मांग के साथ, कुवैत की मुद्रा की मांग होना तो लाजमी है। इस देश की एक खास बात ये भी है कि अगर कोई व्यक्ति यहां कार्य करता है तो उसे किसी प्रकार को काई टैक्स नहीं देना पड़ता।
डॉलर और रुपये के साथ संबंध
अगर बात दीनार की डॉलर से संबंध की हो तो 1 कुवैती दीनार 3.32 अमेरिकी डॉलर के बराबर है और भारतीय मुद्रा से अगर तुलना हो तो एक कुवैती दीनार 246 रुपए के बराबर है। इसके साथ ही INR to DINAR एक्सेचेंज रेट विश्व का सबसे लोकप्रिय एक्सचेंज रेट है।