सूरज में धरती से तीन गुना बड़ा धब्बा बना, बड़े सौर तूफान की आशंका से वैज्ञानिक डरे
नई दिल्ली- सूरज पर इस समय धरती से तीन गुना बड़ा धब्बा बना है. नासा समेत दुनिया के कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों को आशंका है कि इससे मध्यम दर्जे का सौर तूफान आ सकता है. हालांकि इस तूफान के समय और तारीख अभी तक तय नहीं हो पाया है.
वैज्ञानिकों ने सूरज पर धरती से तीन गुना बड़ा धब्बा देखा है. यह धब्बा पिछले 24 घंटे में दोगुना बड़ा हो गया है. आशंका है कि इससे मध्यम दर्जे का सौर तूफान आ सकता है. जिसकी वजह से वैज्ञानिक परेशान हैं. क्योंकि अगर सौर तूफान आया तो कई सैटेलाइट प्रभावित हो सकते हैं. जीपीएस, टीवी संचार और रेडियो का काम बाधित हो सकता है.
फिलिप्स ने बुधवार (22 जून 2002) को लिखा की तेजी से बढ़ने वाले इस धब्बे का आकार केवल 24 घंटों में दोगुना हो गया है. इससे पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड पर असर पड़ सकता है. धब्बे की वजह से धरती के दोनों ध्रुवों पर रंगीन रोशनी वाला अरोरा (Aurora) देखने को मिल सकता है.
A giant sunspot the size of 3 Earths is facing us right now https://t.co/nlcWzVSsjK pic.twitter.com/Z8ZZRB88tE
— SPACE.com (@SPACEdotcom) June 22, 2022
मध्यम दर्जे के सौर तूफान की आशंका से परेशान वैज्ञानिक
टोनी फिलिप्स ने कहा कि यह धब्बा अगर सौर तूफान पैदा करता है, तो वह कम से कम M Class का होगा. इन दिनों सूरज काफी सक्रिय रहा है. इस वजह से जियोमैग्रेटिक तूफान (Geomagnetic storms) आ रहे हैं. जिसे वैज्ञानिक भाषा में (M class) एम-क्लास और (X class) एक्स-क्लास के फ्लेयर्स बोलते हैं सबसे मजबूत वर्ग की फ्लेयर्स भेज रहा है, व इस समय सूरज एक्टिव है. जो अगले 8 सालों तक रहेगा. इस वजह से सौर तूफानों के आने की आशंका बनी रहेगी.
लाखों किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से आता सौर तूफान
सूरज पर बने धब्बे से कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection – CME) होता है. यानी सूर्य की सतह पर एक तरह का विस्फोट. इससे अंतरिक्ष में कई लाख किलोमीटर प्रति घंटे की गति से एक अरब टन आवेषित कण (Charged Particles) फैलते हैं. ये कण जब धरती से टकराते हैं तब कई सैटेलाइट नेटवर्क जीपीएस सिस्टम, सैटेलाइट टीवी और रेडियो संचार को बाधित करते हैं.
क्या होते हैं सूरज के धब्बे… कैसे बनते हैं ये ?
जब सूरज के किसी हिस्से में दूसरे हिस्से की तुलना में गर्मी कम होती है, तब वहां पर धब्बे बन जाते हैं. ये दूर से छोटे-बड़े काले और भूरे रंग के धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं. एक धब्बा कुछ घंटों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकता है. धब्बों अंदर के अधिक काले भाग को अम्ब्रा (Umbra) और कम काले वाले बाहरी हिस्से को पेन अम्ब्रा (Pen Umbra) कहते हैं.