एक गाड़ी में सिर्फ एक फास्टैग काम करेगा
कस्टमर्स अब एक गाड़ी में सिर्फ एक फास्टैग यूज कर सकेंगे। NHAI के अनुसार फास्टैग यूजर्स को ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नीति का पालन करना होगा और पहले जारी किए गए सभी फास्टैग को अपने संबंधित बैंकों को वापस करना होगा। अब सिर्फ नए फास्टैग अकाउंट एक्टिव रहेंगे।NHAI ने फास्टैग से टोल वसूलने के लिए टोल प्लाजा के वेटिंग टाइम को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ अभियान शुरू किया है। कहा जा रहा है कि NHAI ने यह पहल एक गाड़ी के लिए कई फास्टैग जारी करने और RBI के नियमों का उल्लंघन कर KYC के बिना फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्टों के जवाब में की है।
क्या होता है फास्टैग?
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रुकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।ये आंकड़े मई 2023 तक के हैं।
बैंक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं फास्टैग
देश के किसी भी टोल प्लाजा से आप फास्टैग खरीद सकते हैं। इसके अलावा एक्सिस बैंक, ICICI बैंक, HDFC बैंक, SBI, कोटक बैंक की ब्रांच से भी आप इसे खरीद सकते हैं। पेटीएम, अमेजन, गूगल पे जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी आप इसे खरीद सकते हैं। फास्टैग अकाउंट को इस ऐप से लिंक करके पेमेंट भी कर सकते हैं।
आप चाहें तो अपने बैंक अकाउंट को इस ऐप से लिंक कर सकते हैं। इससे जब भी आप किसी टोल प्लाजा से गुजरेंगे तो टोल टैक्स आपके अकाउंट से कट जाएगा। फास्टैग खरीदते समय आपके पास ID प्रूफ और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट होना जरूरी है।एक बार खरीदा गया फास्टैग स्टिकर 5 साल के लिए वैलिड होता है। यानी 5 साल बाद आपको स्टिकर बदलवाना या इसकी वैलिडिटी बढ़वानी पड़ती है।