नई दिल्ली- अब घरेलू रसोई एलपीजी गैस सिलेंडर की संख्या ग्राहकों के लिए फिक्स हो गई है. नए नियम के मुताबिक, अब ग्राहक एक साल में सिर्फ 15 सिलेंडर ही खरीद सकेंगे. एक साल में किसी भी ग्राहक को 15 सिलेंडर से ज्यादा नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा ग्राहक सिर्फ महीने में दो सिलेंडर ही ले सकेंगे. ग्राहकों को 2 से ज्यादा सिलेंडर नहीं मिलेंगे. अभी तक सिलेंडर पाने के लिए महीने या साल का कोई कोटा तय नहीं था.
नए नियम के हिसाब से अब साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडरों की संख्या 12 होगी. इसके ज्यादा अगर आप सिलेंडर खरीदते हैं तो उस पर सब्सिडी नहीं मिलेगी. बाकी के सिलेंडर ग्राहकों को बिना सब्सिडी के ही खरीदने होंगे.
इस वजह से आया नया नियम
राशनिंग के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है. ये नियम लागू किये जा चुके हैं. खास बात यह है यह नए नियम इसलिए लागू किए गए हैं, क्योंकि काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि घरेलू गैर सब्सिडी की रीफिल कॉमर्शियल से सस्ती होने की वजह से वहां इसका इस्तेमाल ज्यादा होने लगा था. जिसके कारण सिलेंडर पर राशनिंग की गई है.
महंगा हो सकता है सिलेंडर
1 अक्टूबर से एलपीजी की कीमत बढ़ सकती है. 1 अक्टूबर को होने वाली कीमतों की समीक्षा में नेचुरल गैस के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. गैस की कीमत हर 6 महीने में एक बार सरकार तय करती है. सरकार यह हर साल 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को करती है. गैस की कीमत इसकी अधिकता वाले देश में चल रही कीमतों पर आधारित होती है. इसके अलावा सीएनजी की कीमत भी बढ़ाई जा सकती हैं. नेचुरल गैस से ही एलपीजी और सीएनजी बनाई जाती है.
कमर्शियल सिलेंडर किया था सस्ता
पिछले महीने 19 किलोग्राम के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 36 रुपये घटाकर 1,976.50 रुपये कर दी गई थी. कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होटल, रेस्टोरेंट और अन्य कमर्शियल काम के लिए किया जाता है. मई के बाद से कमर्शियल एलपीजी कीमत यह चौथी बार कटौती की गई थी. कुल मिलाकर कीमतों में प्रति सिलेंडर 377.50 रुपये की कमी हुई है. इसके अलावा घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है.