मुंबई. मुंबई पुलिस ने मंगलवार को 516 किलो एमडी ड्रग्स जब्त की, जिसकी कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 1026 करोड़ रुपए आंकी गई है. यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई, जबकि कुछ ही दिन पहले मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल गुजरात की सीमा से लगे पालघर जिले के नाला सोपारा कस्बे से 1,403 करोड़ रुपये की भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद की थी.
एएनसी ने 3 अगस्त की रात नाला सोपारा के चक्रधर नगर क्षेत्र में सीताराम बिल्डिंग से एक व्यक्ति को 702 किलोग्राम मेफ्रेडोन के साथ पकड़ा और दो पेडलर को गिरफ्तार किया था. जब्त ड्रग्स की कीमत 1,403.5 करोड़ रुपये बताई गई थी. ड्रग्स की बरामदगी दो अन्य ड्रग पेडलर्स और एक महिला से पूछताछ के बाद संभव हुई, जिन्हें एएनसी ने 29 मार्च को उत्तर-पूर्वी मुंबई के गोवंडी से पकड़ा था. गिरफ्तार तीनों में से एक को 250 ग्राम मेफ्रेडोन, जिसकी कीमत 37.50 लाख रुपये और दूसरे को 2.70 किलोग्राम मेफ्रेडोन के साथ, (जिसकी कीमत 4.14 करोड़ रुपये है) पकड़ा गया था. लगातार पूछताछ के बाद, महिला आरोपी ने अपने दो सहयोगियों के बारे में जानकारी दी, जिनमें से एक को मंगलवार (2 अगस्त) को पकड़ा था और पांचवें को बुधवार (3 अगस्त) को ड्रग्स की खेप के साथ पकड़ा गया था.
30,000 किग्रा से अधिक मादक पदार्थ नष्ट किये गए
इससे पहले, मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए गए अभियान के मद्देनजर 30 जुलाई को देश में चार स्थानों पर 30,000 किग्रा से अधिक मादक पदार्थ नष्ट किये गए. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी डिजिटल माध्यम से मौजूद थे. इस कार्रवाई के अंतर्गत दिल्ली में 19,320 किग्रा, चेन्नई में 1,309, गुवाहाटी में 6,761 किग्रा और कोलकाता में 6,761 किग्रा मादक पदार्थ नष्ट किये गए. स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मादक पदार्थ को नष्ट्र करने का अभियान एक जून को शुरू किया था और 29 जुलाई तक 11 राज्यों में 51,217 किग्रा से अधिक मादक पदार्थ नष्ट किये गये हैं.
‘राज्य मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के साथ काम करे’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले माह चंडीगढ़ में आयोजित नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया था कि राज्यों को मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई में केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने मादक पदार्थ की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी बताया और कहा था कि स्वस्थ समाज और समृद्ध राष्ट्र के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मादक पदार्थ के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति आवश्यक है.