अकोला पुलिस हिरासत में एक सराफा व्यवसायी को अप्राकृतिक प्रताड़ना के मामले में छह पुलिस आरक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है और दोषी सहायक पुलिस निरीक्षक को पुलिस उपनिरीक्षक पदावनत कर दिया गया है.
अकोला :विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अकोला में एक शेगाव के सर्राफा व्यवसायी को अप्राकृतिक प्रताड़ना के मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ ने बहुत सख्त कदम उठाया है.इस मामले में पुलिस महानिदेशक ने नोटिस दिया है कि छह पुलिस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. दोषी सहायक पुलिस निरीक्षक को पुलिस उपनिरीक्षक के पद पर पदावनत करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया है. साथ ही स्थानीय अपराध शाखा के प्रमुख को तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का नोटिस जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि इन सभी को नोटिस का जवाब देने के लिए एक हफ्ते से दस दिन का समय दिया गया है.
क्या मामला है?
यह मामला जनवरी में सामने आया था. अकोला पुलिस की स्थानीय अपराध शाखा ने सोने की चोरी के एक मामले में शेगांव से एक सराफा कारोबारी को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने चोरी का सोना खरीदने के आरोप में सराफा को गिरफ्तार किया था। अदालत ने कारोबारी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था.
पुलिस ने उसे हिरासत में लेने के बाद कार में पीटा. पुलिस ने उसे उल्टा लटका कर भी पीटा. उसके बाद अकोला पुलिस ने पहले से ही हिरासत में रखे दो आरोपियों को उस पर नैसर्गिक प्रताड़ना करने के लिए मजबूर किया. यह गंभीर आरोप व्यापारी ने लगाये थे. इतना ही नहीं सराफा के पैरों पर खौलता हुआ पानी भी डाला गया था जिससे उसका पैर बुरी तरह जल गया. जमानत मिलने के बाद व्यवसायी ने अकोला के पुलिस अधीक्षक और शहर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
आखिरकार सरकार ने मामले की जांच के लिए बुलढाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नियुक्त किया .इसके बाद इस मामले में पुलिस कांस्टेबल और एक सहायक पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया.