केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। पुराने नियम मुताबिक के सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक झंडा फहरा सकते थे लेकिन नए नियम के अनुसार अब रात में भी तिरंगा फहराया जा सकता है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने Flag of Code India के नियमों में संशोधन किया है।
- आजादी से पहले अंग्रेजों की गुलामी के बीच भी हमने झंडा फहराया था
- आजाद भारत के तिरंगे का जन्मदाता पिंगली वैंकयानंद थे
- सबसे पहले 07 अगस्त 1909 को कोलकाता के पारसी बगान में फहराया गया था
अब रात में फहराया जाएगा तिरंगा, जाने झंडा फहराने के नए नियम
इस साल 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। इसी मौके पर केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि वह इस बार हर घर तिरंगा अभियान चलाएगी, जिसके तहत लगभग 20 करोड़ घरों की छतों पर तिरंगा फहराया जाएगा। इस अभियान से देशवासियों के बीच राष्ट्र भावना की एक अलग अलख जगेगी। अगर इस अभियान का हिस्सा आप बनना चाहते हैं तो अपने घर के नजदीकी डाकघर में तिरंगा ले लें या आप चाहें तो ऑनलाइन भी तिरंगा खरीद सकते हैं। सरकार इस अभियान को 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक चलाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें।
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अब रात में फहराया जा सकता है तिरंगा
केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। पुराने नियम मुताबिक सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक झंडा फहरा सकते थे लेकिन नए नियम के अनुसार अब रात में भी तिरंगा फहराया जा सकता है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने Flag of Code India के नियमों में संशोधन किया है। देश में झंडा फहराना, प्रदर्शन या उपयोग करना ये भारतीय झंडा संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के अंतर्गत आते हैं। इसी कानून में भारत सरकार ने 20 जुलाई को बदलाव किया है। जिसके बाद से रात में भी अब तिरंगा फहराने की आजादी मिल गई है।
तिरंगा फहराने से पहले जान लें ये बातें
अब कुछ ही दिन बचे हैं, जब हम आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न मनाएंगे लेकिन जश्न मनाने से पहले कुछ नियम जानना बेहद जरुरी है क्योंकि आपकी एक गलती से तिरंगे का अपमान हो सकता है। झंडे का प्रयोग किसी व्यवसायिक रूप में नहीं कर सकते हैं और साथ ही साथ तिरंगे को किसी व्यक्ति के सलामी देने के लिए नहीं झुका सकते हैं, इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा। अकसर देशभक्ति की भावना में लोगों को देखा जाता है कि वो अपने कपड़े या घर में प्रयोग करने वाले कपड़े पर तिरंगे की तस्वीर बनवाते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। वाहन या कारो को झंडे से ढंकना गलत है। हमेशा अपने देश के झंडे को किसी भी झंडे से ऊपर नहीं फहराएं।
सबसे पहले कब झंडा फहराया गया
आजादी से पहले अंग्रेजों की गुलामी के बीच भी हमने झंडा फहराया था। इतिहासकारों के मुताबिक, देश में सबसे पहले 07 अगस्त 1909 को कोलकाता के पारसी बगान में इसे फहरया गया था। क्रांतिक्रारियों ने अग्रेंजो को नीचा दिखाने के लिए ऐसा किया था और इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया था। उस वक्त झंडे का रंग लाल, पीला और हरा था। हरे रंग की पट्टी पर फूल था, पीले रंग पर वंदे मातरम् लिखा था और लाल रंग पर चांद-सूरज बनाया गया था।