नई दिल्लीः कोरोना को लेकर एक बार देश में चिंता के बादल मंडराने लगे हैं. दक्षिण पूर्व एशिया के कई हिस्सों कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं. कोरोना के बढ़ते खतरे और देश में चौथी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी बैठक बुलाई है. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं.
डेढ़ घंटे तक चली बैठक में लिए गए अहम फैसले
स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर यह बैठक बुलाई थी. चीन में कोरोना के मामले एक बार फिर चरम पर हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में बुलाई गई यह बैठक डेढ़ घंटे तक चली. इसमें तय किया गया कि कोरोना को लेकर और ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जिनोम सीक्वेंसिंग पर जोर दिया जाएगा. साथ ही कोरोना टेस्ट को भी गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं. संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए.
चीन के कई शहरों में लगा लॉकडाउन
बता दें कि चीन में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं. चीन में कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामले ओमिक्रोन वैरिएंट के सब-वेरिएंट ‘stealth’ के हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चीन ने कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है. लॉकडाउन का असर चीन की तकरीबन तीन करोड़ से ज्यादा आबादी पर देखने को मिल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना की चौथी लहर को लेकर चेतावनी दी है.
BA-2 वेरिएंट ने मचाही तबाही
गौरतलब है कि कोरोना के इस सब-वैरिएंट को BA-2 वैरिएंट भी कहा जाता है। यह सब-वैरिएंट मूल वैरिएंट से अलग है। यह सब-वैरिएंट इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि इसका पता लगाना कठिन प्रक्रिया है। संगठन के अनुसार कोरोना का यह सब-वैरिएंट BA-2, कोरोना वायरस के मूल वैरिएंट जैसा ही खतरनाक सिद्ध हो सकता है। इस सब-वैरिएंट से पीड़ित लोगों में चक्कर आना और थकान महसूस होना सबसे प्रमुख लक्षण हैं। यह लक्षण वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिनों के अंदर दिखते हैं। इन दो लक्षणों के अलावा बुखार आना, अत्यधिक थकान, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में ऐंठन के लक्षण भी नजर आते हैं.
हमें भूलना नहीं चाहिए कि कोरोना के नए मामलों के कम होने का मतलब यह नहीं है कि हमने कोरोना को हरा दिया है। चीन और हांगकांग अब तक के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हांगकांग में कोरोना के रोजाना 30 हजार से अधिक मामलों का सामने आना खतरे की आहट माना जा सकता है। दक्षिण कोरिया में अब भी तीन लाख से अधिक, तो जर्मनी में दो लाख से अधिक मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। रूस और जापान जैसे देशों में भी 50 हजार से अधिक मामलों का सामने आना चिंता को बढ़ाता है।