ट्रेन के पीछे क्यों बना होता है ‘X’ का साइन? क्या है LV का मतलब?

दिव्य हिंदी: रेल में यात्रा करने वाले लोगों ने अक्सर गौर किया होगा कि ट्रेन के पीछे बड़े साइज में ‘X’ लिखा होता है. आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया होगा कि इस एक्स का मतलब क्या है? या ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर इसे क्यों बनाया जाता है? तो बता दें कि इसके पीछे एक खास वजह है. आइए जानें क्या-

सभी पैसेंजर ट्रेनों के अंत में साइन होना जरूरी

दरअसल भारतीय रेल (Indian Railways) के नियमों के मुताबिक, यह निशान सभी पैसेंजर ट्रेनों के अंत में होना जरूरी है. इसे रेलवे के एक कोड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इसे सिक्योरिटी और सेफ्टी के उद्देश्य से भी ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बनाया जाता है.

सेफ्टी के लिए जरूरी है यह साइन

इसके एक नहीं कई मीनिंग हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि किसी ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर ‘X’ का यह निशान नहीं बना हो ऐसे में माना जाता है कि या तो ट्रेन में कुछ प्रॉब्लम है या ट्रेन का कोई डिब्बा छूट गया है. यानी यह रेलवे स्टाफ के लिए एक तरह से अलर्ट का काम करता है. ऐसा होने पर वे कुछ दुर्घटना होने के पहले ही कोई एक्शन ले सकते हैं. एक यात्री के तौर पर सुरक्षित रहने के मकसद से आप भी ट्रेन में सफर करने से पहले लास्ट बोगी पर यह निशान देखकर संतुष्ट हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- आपके ट्रेन टिकट पर कोई ‘दूसरा व्यक्ति’ भी कर सकता है सफर

आखिरी डिब्बे पर क्यों बना होता है LV?

इसके साथ ही आपने कई ट्रेनों पर LV भी लिखा देखा होगा. ‘X’ के साइन के साथ ही एक बोर्ड और भी लगा होता है जिस पर LV लिखा होता है. LV का फुल फॉर्म ‘last vehicle’ है यानी आखिरी डिब्बा. यह कर्मचारियों को इस बारे में सूचना देता है कि वह रेल का आखिरी डिब्बा है. जब भी कोई ट्रेन इन साइन के साथ स्टेशन से गुजरती है तो रेलवे अधिकारी इस बात के लिए सुनिश्चित हो जाते हैं कि ट्रेन सही सलामत है और पूरी गुजरी है.

इससे उन्हें पता चल जाता है कि ट्रेन का कोई कोच पीछे नहीं छूटा है. अगर ये X या LV का साइन पीछे नहीं दिखता, तो माना जाता है कि ट्रेन किसी हादसे से गुजरी है और कुछ डिब्बे पीछे छूट गए हैं. इसके बाद तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी जाती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here