Kartik Purnima Remedy: सनातन धर्म में कार्तिक मास को सबसे शुभ माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा का भी बड़ा महत्व है. ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा पर चंद्र देव की विशेष कृपा मिलती है. चंद्रदेव को औषधियों का कारक भी माना गया है. ऐसे में पूर्णिमा पर यदि किसी औषधि का निर्माण या सेवन किया जाए तो उसका प्रभाव अन्य दिनों से ज्यादा मिलता है.
मुहूर्त में करना है ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा पर औषधि निर्माण और रोग विमुक्ति स्नान का शुभ मुहूर्त एक साथ मिल रहा है. औषधि निर्माण के मुहूर्त में किसी वैद्य, आयुर्वेद या होम्योपैथिक डॉक्टर से अपने रोग से संबंधित औषधि का निर्माण कराएं और उसी मुहूर्त में उसका सेवन करें. इसके अलावा रोग विमुक्त स्नान के मुहूर्त में स्नान से पहले जल में औषधि जैसे नीम की पत्ती, हल्दी की गांठ या वैद्य द्वारा बताई गई औषधि को डालकर स्नान करें. यदि औषधि न हो तो नीम की पत्ती को उबाल लें और उसे स्नान के जल में डालकर नहाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से किसी भी तरह के रोग में राहत मिलेगी. लेकिन, ध्यान रहे यह सारे कार्य पूर्णिमा पर मुहूर्त के दौरान ही करें, तभी इसका लाभ मिलेगा.
जानें मुहूर्त
प्रयागराज के वैद्य विमल मिश्र के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर औषधि निर्माण एवं सेवन और रोग विमुक्त स्नान के दो मुहूर्त मिल रहे हैं. ये मुहूर्त सुबह और शाम में हैं. ऐसे में सुबह आप औषधि स्नान और शाम को औषधि निर्माण व सेवन का कार्य आसानी से कर सकते हैं. सुबह-शाम के मुहूर्त में दो-दो घंटे का समय लोगों को मिलेगा.
नोट करें मुहूर्त
27 नवंबर 2023 औषधि निर्माण एवं सेवन और रोग विमुक्त स्नान का पहला मुहूर्त सुबह 5:38 से 7:29 बजे तक है. इस मुहूर्त में रोग विमुक्त स्नान किया जा सकता है. वहीं दूसरा मुहूर्त शाम को 4:30 से 6:20 बजे तक है, इसमें औषधि निर्माण और सेवन किया जा सकता है.