नई दिल्ली– भारत अब स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS की मदद से Android और iOS को टक्कर देने जा रही है। IIT मद्रास की ओर से तैयार किए गए इस मोबाइल OS को अब भारत सरकार से हरी झंडी मिल गई है।पिछले कुछ साल में भारत लगभग हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है और अब एक नए मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की एंट्री हो गई है। यानी कि फोन में Android और iOS जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने के बजाय अब ‘मेड इन इंडिया’ सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाएगा। लंबे वक्त से चर्चा में चल रहे इस ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम BharOS रखा गया है और सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है।
भारत के स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS की सफल टेस्टिंग IT मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से की गई और उन्होंने एक वीडियो कॉल का हिस्सा बनते हुए इसे हरी झंडी दिखाई। बता दें, यह मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम IIT मद्रास से जुड़ी एजेंसी ने तैयार किया है और इसे किसी भी ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) की ओर से मोबाइल डिवाइसेज का हिस्सा बनाया जा सकेगा।
इस कंपनी ने तैयार किया Bharos
नए मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS को IIT मद्रास के साथ मिलकर Jandk ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। दावा है कि इसे आराम से किसी भी कॉमर्शियल हैंडसेट में इस्तेमाल किया जा सकता है। डिवेलपर्स की मानें तो इस OS की मदद से यूजर्स को बेहतर प्राइवेसी और सुरक्षा फोन इस्तेमाल करने के दौरान मिलेगी। फीचर्स के मामले में यह Android को सीधी टक्कर दे सकता है।
नहीं मिलेंगी कोई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स
स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को जो बात बेहतर बनाती है, वह इसका नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) बिहेवियर है। यानी कि इसमें एंड्रॉयड के बजाय ज्यादा स्टोरेज स्पेस्मिलेगा और पहले से ढेरों ऐप्स फोन में इंस्टॉल्ड नहीं होंगी। यानी कि यूजर्स को कोई ऐसी ऐप फोन में रखने या इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, जिसे वह इस्तेमाल नहीं करना चाहता। इसके मुकाबले एंड्रॉयड फोन्स में पहले से ढेरों ऐप्स इंस्टॉल्ड मिलती हैं।
मिलते रहेंगे सॉफ्टवेयर अपडेट्स
डिवेलपर्स ने बताया है कि BharOS को नेटिव ‘ओंवर द एयर’ (OTA) अपडेट्स दिए जाएंगे। यानी कि बिना किसी तरह की लंबी प्रक्रिया से गुजरे लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन अपने-आप फोन में इंस्टॉल हो जाएगा। इस OS में प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विजेस (PASS) के साथ भरोसेमंद ऐप्स इंस्टॉल की जा सकेंगी और तय किया जाएगा कि यह मालवेयर या ऐसे खतरों से पूरी तरह सुरक्षित रहे। हालांकि, शुरू में BharOS का इस्तेमाल केवल वही एजेंसिां करेंगी, जिन्हें बेहतर प्राइवेसी की जरूरत है।