अप्रैल में कितनी रही थी थोक महंगाई दर
इससे पिछले महीने यानी अप्रैल 2023 में थोक महंगाई दर 0.92 फीसदी पर आई थी. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड ने ये आंकड़ा जारी किया है. कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले इस विभाग के जरिए ये महंगाई के आंकड़े जारी किए जाते रहे हैं. मई में खुदरा महंगाई दर (रिटेल इंफ्लेशन) भी घटकर 4.25 फीसदी के 25 माह के निचले स्तर पर आ गई थी.
क्यों आई थोक महंगाई दर में गिरावट
देश की थोक महंगाई दर में गिरावट के पीछे मुख्य वजह ये रही कि मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल्स, फूड आइटम्स, टेक्सटाइल्स के साथ-साथ नॉन-फूड आर्टिकल्स के दाम तो घटे ही हैं. कच्चे तेल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ नैचुरल गैस, कैमिकल और कैमिकल प्रोडक्ट्स के दाम में भी खासी गिरावट दर्ज की गई है. देश में थोक महंगाई दर के घटने का सीधा असर ब्याज दरों पर भी देखा जा सकता है और लोगों को और अधिक राहत आने वाले समय में मिल सकती है.
यह लगातार दूसरा महीना है जबकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से नीचे है. अप्रैल में यह -0.92 फीसदी पर थी. इसको पिछले एक साल के मुकाबले देखें तो मई, 2022 में थोक महंगाई दर 16.63 फीसदी पर रही थी. साल दर साल आधार पर महंगाई दर में ये भारी गिरावट राहत का संकेत है.
किन सेगमेंट की कैसी रही महंगाई दर
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर घटकर 1.51 फीसदी पर आ गई जो कि अप्रैल में यह 3.54 फीसदी पर थी.
- फ्यूल और एनर्जी सेगमेंट की महंगाई दर मई में घटकर -9.17 फीसदी पर आ गई जो कि अप्रैल में 0.93 फीसदी पर थी.
- मैन्यूफैक्चरिग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर मई में शून्य से 2.97 फीसदी नीचे रही जो कि अप्रैल में -2.42 फीसदी नीचे थी.