नई दिल्ली- अगर आप कोई भी गाड़ी खरीदते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने से मना करते हैं या हिचकिचाते हैं तो इसका दंड आपको भविष्य में भरना पड़ सकता है। वाहन में कार खरीदें या बाइक/स्कूटर या कोई कमर्शियल गाड़ी बिना मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदे बिना चलाना एक दंडनीय अपराध है। अवैध तरीके से पकड़े जानें पर ट्रैफिक पुलिस भारी जुर्माना या 3 महीने तक की कैद की सजा सुना सकती है।मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 146 के अनुसार, भारतीय सड़कों पर गाड़ी चलाने में सक्षम होने के लिए तृतीय-पक्ष (टीपी) बीमा अनिवार्य है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होने पर क्या होगा?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस न होना एक दंडनीय अपराध है। यदि आप वैध बीमा पॉलिसी के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं, तो मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार ट्रैफिक पुलिस भारी जुर्माना या 3 महीने तक की कैद की सजा सुना सकती है।अगर आप कोई भी गाड़ी खरीदते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने से मना करते हैं या हिचकिचाते हैं तो, इसका हर्जाना आपको भविष्य में भरना पड़ सकता है। वाहन में कार खरीदें या बाइक/स्कूटर या कोई कमर्शियल गाड़ी, बिना मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदे बिना चलाना एक दंडनीय अपराध है।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लाभ
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ की बात करें तो, मोटर वाहन एक्ट के अनुसार अगर किसी वाहन का एक्सिडेंट हो जाता है और उसमें किसी की शारीरिक या संपत्ति का नुकसान होता है तो वाहन मालिक को उसके नुकसान की भरपाई करने होती है, जिसके भुगतान की जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनी की हो जाती है।थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में विभिन्न प्रकार के मुआवजे शामिल हैं जैसे-किसी अन्य की मृत्यु या शारीरिक क्षति पर मुआवजा, किसी अन्य व्यक्ति के वाहन व संपत्ति की क्षति पर मुआवजा, कानूनी और अस्पताल संबंधी खर्चों का भुगतान आदि शामिल है।