मालगाड़ी को साइड व्हील क्यों होते हैं ?क्या हैं इनका महत्व यहाँ मिलेगी जानकारी

Wheel Fact in Goods Train: रेलगाड़ी तो हम सभी ने देखी है. इनमें एक यात्रियों को ले जाने वाली होती है और एक मालगाड़ी होती है. यात्रियों वाली ट्रेन में अधिकतम 24 डिब्बे होते हैं, जबकि मालगाड़ी में इनकी संख्या 40 से 58 तक हो सकती है. सभी ने मालगाड़ी भी देखी है. इसमें अलग-अलग तरह की चीजें के जाने के लिए अलग-अलग तरह के डिब्बे लगे होते हैं. आपने गौर किया होगा कि मालगाड़ी के ज्यादातर डिब्बे ऐसे होते हैं जिनमें एक तरह स्टीयरिंग जैसा एक गोल पहिया लगा होता है. इसे देखकर सबके मन में ये सवाल आता है कि आखिर ये स्टीयरिंग जैसा दिखने वाला पहिया है क्या? इसका काम क्या है?

इसे स्टेफनी समझने की गलती कर बैठते हैं

क मालगाड़ी के डिब्बों पर हवा में एक छोटा सा स्टीयरिंग जैसा पहिया लगाया जाता है. ध्यान रहे कि यह पहिया ना तो कभी जमीन को छूता है और ना ही किसी भी स्थिति में पटरी पर किसी दूसरे पहिए की जगह लगाया जा सकता है. बहुत से लोग इसे स्टेफनी समझने की गलती कर बैठते हैं, लेकिन यह एक स्टेफनी तो बिल्कुल भी नहीं होता है. सवाल बनाता है कि तो फिर क्या कारण है कि इस प्रकार का पहिया माल गाड़ी के हर डिब्बे में लगाया जाता है?

शुरवात में कोई चक्का नहीं था और फिर..

शुरुआत मालगाड़ी की बोगियों में ऐसा कोई भी चक्का नहीं लगाया जाता था. जिसके कारण रेलवे को एक बड़ी टेक्निकल प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता था. मालगाड़ी या कोई भी ट्रेन हो उसे हमेशा समतल स्थान पर ही पार्क किया जा सकता था. तब किसी चढ़ाई या ढलान जैसी जगह पर मालगाड़ी को रोकना खतरे से खाली नहीं होता था. ऐसी जगहों पर सामान से भरे हुए मालगाड़ी के डिब्बों रोकना बहुत मुश्किल होता था.

इंजीनियर ने धुंड निकला उपाय 

इस समस्या से निपटने के लिए इंजीनियर्स ने मालगाड़ी की हर बोगी में एक चक्का लगा दिया. असल में यह गाड़ी का पहिया नहीं बल्कि एक लीवर होता है जो हैंडब्रेक की तरह काम करता है. अगर कभी मालगाड़ी को किसी चढ़ाई या ढलान पर रोकना पड़े तो इस चक्के को क्लॉक वाइज घुमा दिया जाता है. इससे बोगी के सारे पहिए जाम हो जाते हैं और मालगाड़ी आसानी से अपनी जगह पर खड़ी रह सकती है.

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