विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी आगाह किया है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये दूषित दवाएं पश्चिम अफ्रीकी देश के बाहर भी वितरित की गई हों, इसलिए इनसे वैश्विक जोखिम की भी “आशंका” बनी हुई है।
WHO कर रहा है कंपनी की जांच
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडोनम घेब्रेसियस ने संवाददाताओं से कहा कि विचाराधीन चार सर्दी और खांसी के सिरप से हुई इन मौतों से जो जीवन का नुकसान हुआ वो उनके परिवारों के लिए असहयनीय और अनुमान से परे है। टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ “भारत में कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ आगे की जांच कर रहा है।”
डब्ल्यूएचओ द्वारा बुधवार 5 अक्टूबर को जारी मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट के अनुसार, जिन चार उत्पादों में ये शिकायत पाई गई है उनके नाम हैं – प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समेलिन बेबी कफ सीरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मैकॉफ बेबी कफ सीरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रिप एन कोल्ड सीरप (Magrip N Cold Syrup) हैं। चेतावनी में कहा गया है, कि इंगित किए गए निर्माता ने अब तक प्रदूषित उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोई गारंटी नहीं दी है।
अस्वीयकार्य मात्रा में मिले निषिद्ध कैमिकल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन सीरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा की पुष्टि हुई है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है। एक मेडिकल प्रॉडक्ट अलर्ट जारी करते हुए WHO ने कहा, ‘चारों कफ सीरप के सैंपल के लैबोरेटरी टेस्ट में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। ये पदार्थ मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं और घातक हो सकते हैं, यह कहते हुए कि इनसे “पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, मेंटल समस्या और गुर्दे को नुकसान हो सकता है।”
बच्चों के लिए ये दवाएं बेहद असुरक्षित
WHO ने जारी बयान में सर्दी और खांसी की शिकायत पर दिए जाने वाले इन उत्पादों का प्रयोग असुरक्षित बताया है, खासतौर से ये दवाएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं, इससे लोगों को गंभीर इंजरी हो सकती है, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है, इसलिए ऐसी किसी दवा का उपयोग न करें, ये कफ सीरप सर्दी की शिकायत होने पर या खांसी, जुकाम की दिक्कत होने पर दिए जाते हैं।
केवल गांबिया में ही आपूर्ति
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि निर्माता ने केवल गांबिया को ही इन दूषित दवाओं की आपूर्ति की थी। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने एक ईमेल में कहा, “हालांकि, अफ्रीका के अन्य देशों में अनौपचारिक या अनियमित बाजारों के माध्यम से इन उत्पादों की आपूर्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।”
टेड्रोस ने सावधानी बरतने का आग्रह किया है, और सभी देशों से “रोगियों को और नुकसान से बचाने के लिए इन उत्पादों का पता लगाने और उन्हें प्रचलन से हटाने” के लिए काम करने का आह्वान किया।