नई दिल्ली-आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार में बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने अरहर और उड़द के बाद अब गेहूं की स्टॉक लिमिट तय कर दी है. विशेष बात यह है कि यह नियम अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेगा. स्टॉक लिमिट लागू होने के बाद अब व्यापारी और थोक विक्रेता 3 हजार टन से अधिक गेहूं का स्टॉक अपने गोदाम में नहीं कर पाएंगे. खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट 10 टन निर्धारित की गई है.
इस महीने के अंत तक सरकार खुले बाजार में 15 लाख टन गेहूं बेचेगी
सरकार ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में गेहूं का स्टॉक है. इसलिए सरकार के पास गेहूं इम्पोर्ट पॉलिसी में बदलाव करने की योजना नहीं है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार है. ऐसे में गेहूं इम्पोर्ट पॉलिसी में चेंजिंग करने कोई की योजना नहीं है. इसके बावजूद गेहूं के निर्यात पर रोक बरकरार रहेगी. संजीव चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए इस महीने के अंत तक सरकार खुले बाजार में 15 लाख टन गेहूं बेचेगी.
गेहूं- आटे की कीमत में 8 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है
खुदरा मार्केट में गेहूं के साथ- साथ आटा भी महंगा हो गया है. इनकी कीमत में 8 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में महंगाई को लेकर सरकार के ऊपर दबाव बढ़ता जा रहा था. यह वजह है कि बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं स्टॉक की लिमिट तय करने का फैसला किया. बता दें कि पिछले महीने सरकार ने अरहर और उड़द दाल की स्टॉक लिमिट तय की थी. तब सरकार ने व्यापारियों के लिए अरहर और उड़द की स्टॉक लिमिट 200 टन तय की थी. वहीं, खुदरा विक्रेता और खुदरा दुकानदारों के लिए यह सीमा 5 टन है. दाल स्टॉक की लिमिट के लिए बनाया गया नियम अक्टूबर महीने तक जारी रहेगा.