नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर गेहूं, त्योहारी सीजन में और बढ़ेंगे दाम

नई दिल्ली–  बुधवार को गेहूं की कीमतें लगभग नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। अगर सरकार स्टाक जारी नहीं करती है तो आने वाले त्योहारी सीजन में इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। कर्नाटक के एक बड़े आटा मिल मालिक ने कहा, ‘गेहूं की आपूर्ति दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है और कुल आपूर्ति की स्थिति पिछले साल की तुलना में खराब दिख रही है।

ऐसे में सरकार अपने स्टाक से गेहूं की बिक्री तुरंत शुरू कर देनी चाहिए। बता दें कि एक अगस्त को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टाक 2.68 करोड़ टन था जो एक साल पहले की तुलना में 4.4 प्रतिशत कम है। 2022 और 2023 में अत्यधिक गर्मी पड़ने के चलते गेहूं की फसल अच्छी नहीं हुई और इस साल की फसल भी उत्पादन अनुमान से 6.25 प्रतिशत कम रहा है।

अप्रैल में बढ़ी गेहूं की कीमतें

मिल मालिक ने बताया कि गेहूं की कीमतें अप्रैल के 24,000 रुपये से बढ़कर 28,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर पहुंच गई हैं। पिछले साल सरकार ने जून में अपने भंडार से गेहूं बेचना शुरू किया था और जून, 2023 से मार्च, 2024 के बीच उसने अपने स्टाक से लगभग एक करोड़ टन गेहूं की रिकार्ड बिक्री थी।

इससे आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों की सस्ती कीमत पर गेहूं उपलब्ध हो सकता है। आटा मिल मालिक ने कहा कि अभी  अगस्त का दूसरा पखवाड़ा चल रहा है और सरकार ने अभी तक अपने भंडार से गेहूं बेचने की पेशकश नहीं की है।

इस देरी के कारण भी गेहूं की कीमतों में और वृद्धि हुई है। नई दिल्ली स्थित एक वैश्विक व्यापारिक फर्म की डीलर ने कहा कि भौतिक बाजार में आपूर्ति कम दिख रही है, क्योंकि किसानों ने लगभग अपनी पूरी फसल बेच दी है। अब हर कोई सरकार द्वारा स्टॉक जारी करने का इंतजार कर रहा है। सरकार गेहूं की बिक्री में देरी कर रही है, क्योंकि उसके पास अप्रैल यानी अगली फसल शुरू होने तक बाजार में हस्तक्षेप के लिए सीमित स्टाक है।

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