नई दिल्ली: आमतौर पर लोग बस या ट्रेन ( train ) से सफर करते हैं। साथ ही लोगों के पास टू-व्हीलर या फोर व्हीलर भी हैं। ऐसे में एक दूसरे से आपको लोग ये पूछते हुए जरुर नजर आ जाएंगे कि आपकी गाड़ी माइलेज कितना देती है। वहीं लोगों के मन में एक इच्छा होती है कि वो एक बार ही सही लेकिन हवाई जहाज में बैठे। वहीं कई लोग कई बार हवाई जहाज में बैठ चुके हैं। ऐसे में ये लोग हवाई जहाज के बारे में कई बातें जानते हैं। लेकिन क्या ये लोग ये जानते हैं कि हवाई जहाज एक लीटर तेल में कितना माइलेज देता है? शायद नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इस सवाल का जवाब।
आकार में आम गाड़ियों से हवाई जहाज काफी बड़ा होता है। ऐसे में लाजमी है कि उसमें इंधन भी इन सबसे ज्यादा ही खर्च होता होगा। ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रति सेकेंड में हवाई जहाज ( aeroplane ) लगभग 4 लीटर इंधन खर्च करता है। बोइंग 747 विमान अपनी एक मिनट की यात्रा में 240 लीटर इंधन खर्च करता है। इस विमान की वोबसाइट के आंकड़े बताते हैं कि बोइंग 747 विमान अगर 10 घंटे उड़ान भरता है, तो इस दौरान उसमें 36 हजार गैलन यानि कि 1 लाख 50 हजार लीटर इंधन लगता है। वहीं ये विमान प्रति मील यानि 12 लीटर प्रति किलोमीटर में लगभग 5 गैनल इंधन खर्च करता है।
विशाल आकार वाला पहला विमान था बोइंग 747
बोइंग 747 ( boeing 747 ) विमान एक किलोमीटर में 12 लीटर इंधन खर्च कर देता है। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि ये विमान 500 यात्रियों को 1 किलोमीटर का सफर 12 लीटर इंधन में करवाता है। 100 किलोमीटर सफर के दौरान ये विमान 747 प्रतिव्यक्ति पर महज 2.4 लीचर इंधन ही खर्च करता है। बोइंग विमान में 4 इंजन हैं। साथ ही ये यात्री, मालवाही और अन्य संस्करणों में उपलब्ध है। इस विमान का साइज काफी विशाल है। ये विमान बड़े आकार वाला सबसे पहला विमान था।
टोक्यो से न्यूयॉर्क शहर की 13 घंटे की उड़ान के लिए, बोइंग 747 लगभग 187,200 लीटर इंधन खर्च करता है. इसमें 568 लोग सवार हो सकते हैं. बोइंग 747 विमान एक विशाल व्यावसायिक और कार्गो परिवहन विमान है, जिसे जंबो जेट या आसमान की रानी के नाम से भी जाना जाता है. इतने विशाल आकार का यह सबसे पहला विमान था. हवाई जहाज के इंधन को विमान टर्बाइन इंधन (एटीएफ) कहते हैं.
हवाई जहाज में इंधन टैंक कहाँ होता है?
हवाई जहाज का फ्यूल उसके पखों में क्यों होता है अब वो जाने …
हवाई जहाज को हवा में उड़ाने के लिए फिजिक्स के सिद्धांत के अनुसार लिफ्ट फोर्स का बैलेंस होना बहुत जरूरी होता है। उड़ान भरने के लिए एरोप्लेन के वजन के बराबर लिफ्ट फोर्स का होना जरूरी होता है। आसमान पर एयरक्राफ्ट का बैलेंस बनाए रखने के लिए विंग्स के बैलेंस की जरूरत होती है। यह सब कुछ तभी संभव होता है जब फ्लाइट के विंग्स में तरल पदार्थ हो।