भारतीय रेलवे ने इंजिन मे लगाना शुरु किया विजीलेंस कंट्रोल डिवाइस अब सेफ होगी जर्नी

नई दिल्ली- ट्रेन से सफर करना बाकी साधनों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है. जिसके चलते ट्रेन से एक दिन में करोड़ो यात्री यात्रा करते हैं. ट्रेन एक ऐसा साधन है जिसमें अमीर और गरीब दोनों यात्रा कर सकते हैं. लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा है कि ट्रेन चला रहे ड्राइवर को अगर चलती ट्रेन में नींद आ जाए तो क्या होगा? एक यात्री वाहक ट्रेन में लगभग 1000 1500 तक लोग सफर करते हैं. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ड्राइवर की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.अगर भारतीय रेल नेटवर्क की बात करें तो वह इतना बड़ा है कि यह दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों की सूची में चौथे नंबर पर आता है, जबकि एशिया में यह दूसरे नंबर पर आता है.

अगर ट्रेन चलाते हुए ड्राइवर को आ जाए नींद

ट्रेन में सफर करते समय देखा ही होगा कि ट्रेन में दो ड्राइवर होते हैं इन दोनों ड्राइवर की मदद से हजारों यात्री अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचते हैं. ट्रेन के मेन ड्राइवर को लोको पायलट और उसके सहयोगी को असिस्टेंट लोको पायलट कहते हैं. अगर ट्रेन चलाते समय लोको पायलट को झपकी, नींद या उसकी स्वस्थ खराब हो जाए तो असिस्टेंट लोको पायलट ट्रेन की कमान संभाल लेता है और उसे अगले स्टेशन तक ले जाता है.

अगर दूसरे ड्राइवर की भी लग जाए झपकी

लेकिन अगर दूसरे ड्राइवर यानी असिस्टेंट लोको पायलट को भी नींद आ जाए ऐसी स्थिति में क्या होगा. रेल पटरी से उतर जाएगी या नॉन स्टॉप भागती चली जाएगी.आपके जीवन की रक्षा के लिए रेलवे ने एक बेहद ही खास इंतजाम कर रखा है.

जानिए रेलवे की इस टेक्नोलॉजी के बारे में

रेलवे ने इसके लिए ट्रेन के इंजन में ‘विजीलेंस कंट्रोल डिवाइस’ लगाया है. ट्रेन के इंजन में लगा ये डिवाइस ये ध्यान रखता है कि अगर ड्राइवर ने एक मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की हो, तो 17 सेकंड के अंदर एक ऑडियो विजुअल इंडीकेशन आता है. ड्राइवर को इसे बटन दबाकर स्वीकार करना होता है. अगर ड्राइवर इस इंडीकेशन का जवाब नहीं देता तो 17 सेकंड बाद ऑटोमेटिक ब्रेक लगना शुरू हो जाते हैं.

विजीलेंस कंट्रोल डिवाइस काम कैसे करता है

लोको पायलट जब भी ट्रेन को चलाता है तो उसे थोड़ी थोड़ी देर में उसकी स्पीड कम ज्यादा करनी होती है. इसके अलावा हॉर्न भी देना होता है. ऐसा करने से ट्रेन के इंजन में लगा सिस्टम समझ जाता है कि लोको पायलट जागा हुआ है और ट्रेन पूरी सुरक्षा के साथ आगे बढ़ रही है. अगर ट्रेन का पायलट 1 मिनट तक कोई मूवमेंट न करे तो इंजन में लगा डिवाइस सक्रिय हो जाता है.

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