नई दिल्ली – विटामिन डी का उत्पादन सूर्य की पराबैंगनी बी (UVB) किरणों के संपर्क में आने पर होता है. जब हमारी त्वचा सूर्य की UVB किरणों को अवशोषित करती है, तो यह विटामिन डी को सक्रिय रूप में बदल देती है.यह विटामिन डी फिर हमारे शरीर में अवशोषित हो जाता है और विभिन्न शारीरिक कार्यों में मदद करता है. सूरज की UVB किरणें दिन के अलग-अलग समय पर अलग-अलग तीव्रता से होती हैं.
विटामिन डी का उत्पादन
विटामिन डी का उत्पादन अधिकतम करने के लिए, धूप में बैठने का सबसे अच्छा समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच होता है. इस समय सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं और UVB किरणों की तीव्रता अधिक होती है.गर्मियों में सूर्य की किरणें अधिक तेज होती हैं, इसलिए विटामिन डी का उत्पादन सर्दियों की तुलना में अधिक होता है. सनस्क्रीन UVB किरणों को अवशोषित करके त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है, लेकिन यह विटामिन डी के उत्पादन को भी कम कर सकता है.
विटामिन डी की कमी से हड्डियों का कमजोर होना, रिकेट्स, ऑस्टियोपोरोसिस, थकान, मांसपेशियों में दर्द और प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.