100% सालाना की स्पीड से बढ़ रहा UPI ट्रांजैक्शन
1 हजार करोड़ ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार करने पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके अभी और बढ़ने की उम्मीद है। वर्ल्डलाइन इंडिया में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुनील रोंगला ने कहा, ‘पर्सन-टू- मर्चेंट (P2M) यानी UPI ट्रांजैक्शन सालान दर (YoY) पर 100% से ज्यादा की गति से बढ़ रहा है। टोटल ट्रांजैक्शन में P2M की हिस्सेदारी पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन की तुलना में ज्यादा है।
रोजाना 300 करोड़ तक हो सकता है ट्रांजैक्शन
आने वाले 18 से 24 महीनों में UPI लेनदेन 20 लाख करोड़ के पार हो सकता है। इसमें पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) की बड़ी हिस्सेदारी होगी। इसी साल मार्च में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के CEO दिलीप अस्बे ने कहा था कि अगर इस प्लेटफॉर्म में निवेश मिले तो ट्रांजैक्शन के आंकड़े 10 गुना बढ़कर रोज 300 करोड़ तक हो सकते हैं।
सर्वत्र टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और MD मंदार अगाशे ने कहा कि भारत ‘रियल टाइम पेमेंट’ टेक्नोलॉजी के मामले में एक ग्लोबल लीडर के रूप में सामने आया है। भारत की इस इमेज के लिए यह एक ड्राइविंग फोर्स की तरह खड़ा है। भारत फिलहाल नेपाल, भूटान और श्रीलंका में UPI के जरिए ट्रांजैक्शन की सुविधा दे रहा है। वहीं सिंगापुर, UAE सहीत कई देशों के साथ इसको आगे बढ़ाने को लेकर बात कर रहा है।
जर्मन मिनिस्टर ने बेंगलुरू के मार्केट में सब्जी खरीद कर UPI से पेमेंट किया था
हाल ही में जर्मनी के डिजिटल एंव परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग G-20 में शामिल होने भारत आए थे। इस दौरान बेंगलुरु के एक मार्केट में वोल्कर ने सब्जी खरीद कर UPI के जरिए पेमेंट किया। जर्मन एम्बेसी ने इसका एक वीडियो शेयर कर लिखा- ‘भारत की सफलता की कहानी में से एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है। UPI हर किसी को सेकेंड भर में पेमेंट करने में सक्षम बनाता है। भारत के लाखों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। परिवहन मंत्री विसिंग ने भी इसका इस्तेमाल किया, वे बहुत खुश थे।’