UIDAI ने जोड़ा एक और नया सेफ्टी फीचर जिससे नहीं हो पाएगा आधार का गलत उपयोग

UIDAI Launches New Safety Feature: आधार कार्ड आजकल एक बेहद महत्वपूर्ण पहचान पत्र बन चुका है. ऐसे में आधार कार्ड  को जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण  समय-समय पर इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामलों (Fraud) को कम करने के लिए कई तरह के सेफ्टी फीचर जारी करती रहती है. अब UIDAI ने एक और सुरक्षा तंत्र बनाया है जिससे आधार से जुड़े फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

UIDAI ने इस फीचर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आधार ऑथेंटिकेशन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI/ML) बेस्ड नया सिक्योरिटी सिस्टम तैयार किया है जिसमें ‘फिंगर मिन्यूशिया’ (Finger Minutia) और ‘फिंगर इमेज'(Finger Image)  जैसे  टूल्स के जरिए यह चेक किया जा सकेगा कि आधार कार्ड को इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति सही है या नहीं. इस नये सिक्योरिटी फीचर के बारे में जानकारी देते हुए सोमवार को यूआईडीएआई ने बताया कि इससे आधार ऑथेंटिकेशन को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.

नये फीचर से मिलेगी दोगुनी सुरक्षा

UIDAI ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि इस दो चरण के सेफ्टी फीचर के जरिए अब आधार से जुड़े लेन देन को और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी. इस टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फिंगरप्रिंट के द्वारा आधार का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के लाइवनेस यानी वास्तविकता के बारे में पता चल जाएगा. इससे साइबर धोखाधड़ी करने वालों का पता लगाकर उन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

किन जगहों पर उपयुक्त होगा यह नया फीचर

UIDAI ने अपने बयान में कहा है कि यह नया फीचर का इस्तेमाल बैंकिंग और फाइनेंशियल, टेलीकॉम और सरकारी विभागों द्वारा किया जाएगा. इससे आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम को भी मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही यूआईडीएआई ने कहा कि इस फीचर के जरिए देश की जनसंख्या पिरामिड के आखिरी हिस्से तक लाभ मिलेगा. यह आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन अब चालू हो चुका है और अब इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है.

देश में लगातार बढ़ रहा आधार का उपयोग

गौरतलब है देशभर में आधार से जुड़े ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इसमें कई लोग सरकारी स्कीम्स के लिए इसका यूज करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2022 तक आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजेक्शन 880 करोड़ को पार कर गया था. ऐसे में औसतन हर दिन 7 करोड़ लेनदेन किए जाते हैं जिसमें सबसे अधिक फिंगरप्रिंट-आधारित ऑथेंटिकेशन शामिल हैं.

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