मुंबई- महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर पर राजनीति बढ़ती जा रही है। अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को कुछ देर पहले खार पुलिस ने अरेस्ट किया है। दोनों के खिलाफ अपने बयानों से धर्म, जाति के आधार पर विद्वेष फैलाने का आरोप है। फिलहाल खार पुलिस स्टेशन की एक टीम दोनों से पूछताछ कर रही है। रविवार को दोनों को कस्टडी के लिए बांद्रा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
राणा दंपत्ति ने आज मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। इसके बाद नवनीत राणा की बिल्डिंग के नीचे भारी संख्या में शिवसैनिक सुबह से ही डटे हैं। राणा दंपत्ति के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति या भाषा के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस की एक टीम उन्हें खार पुलिस स्टेशन ले गई है। इस पर नवनीत राणा ने कहा कि उन्हें और उनके पति को जबरदस्ती पुलिस स्टेशन लाया गया है। मैं सांसद हूं और मेरे पति विधायक हैं। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी से मदद की गुहार लगाई है। इसके बाद बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने रात 9 बजे खार पुलिस स्टेशन जाने का ऐलान किया है। आज हुए हंगामे को लेकर नवनीत राणा की ओर से भी शिवसैनिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
पीएम को नाम लेकर बदल दिया था हनुमान चालीसा पढ़ने का फैसला
हालांकि, दिन भर के हंगामे के बाद बडनेर सीट से निर्दलीय विधायक रवि राणा ने एक बयान जारी कर कहा कि कल प्रधानमंत्री मोदी मुंबई आ रहे हैं और हम उनके कार्यक्रम में किसी तरह का विघ्न नहीं चाहते हैं, इसलिए मातोश्री जाकर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने के अपने फैसले को वापस लेते हैं।
नवनीत राणा द्वारा अपने फैसले को बदलने के बावजूद शिवसैनिक उनकी इमारत के बाहर डटे रहे और लगातार माफी की मांग करते रहे। शिवसैनिकों की तरफ से दर्ज कराए इस केस में दंपति पर अपने बयान से माहौल खराब करने का आरोप लगाया गया है।
दिनभर नवनीत राणा के घर हुआ हंगामा
इससे पहले दिन भर राणा दंपत्ति के खार स्थित घर पर जमकर हंगामा हुआ। पुलिस और शिवसैनिकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। शिवसैनिकों ने राणा के घर के बाहर लगे बैरियर तोड़ दिए और घर में घुसने की कोशिश की। शिवसैनिकों ने कहा कि हम अमरावती का कचरा साफ करने आए हैं। इस पूरे विवाद पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा,’मुंबई और महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है। कुछ लोग विभिन्न घटनाओं के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और यहां राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।’