तुकाराम मुंढे एक्शन मोड में, फर्जी दिव्यांगों पर होगी कार्रवाई; राज्य के 34 जेडपी मुख्य अधिकारियों को निर्देश

मुंबई: आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंढे (Tukaram Munde) लंबे समय बाद एक बार फिर एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। वर्तमान में वे राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और दिव्यांगों के लिए बनी योजनाओं का फर्जी तरीके से लाभ उठाने वालों के खिलाफ उन्होंने अभियान शुरू किया है।

राज्य में फर्जी दिव्यांगों की जांच करने के लिए मुंढे ने गुरुवार, 18 सितंबर को राज्य के सभी 34 जिला परिषदों (ZP) के मुख्य अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए। आदेश मिलते ही अधिकारियों ने दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी है। इस जांच में जिला परिषद के शिक्षा, स्वास्थ्य, निर्माण सहित सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी शामिल होंगे। ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर लाभ उठाने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है और प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारी भी सकते में हैं।

तुकाराम मुंढे ने कहा –
“हर दिव्यांगजन को सम्मान और संतोष के साथ जीने का अधिकार है। दिव्यांग नागरिक भी संपन्न, संतोषजनक और सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। समाज और समुदाय के तौर पर हमें उनके साथ सम्मान और समानता से व्यवहार करना चाहिए। उनके अधिकारों से उन्हें वंचित नहीं किया जाना चाहिए। दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाना न्याय की मांग है। समावेशन, सम्मान और समान अवसरों पर ही वास्तव में सक्षम समाज की नींव रखी जाती है। आइए, हम सब मिलकर वास्तविक रूप से सर्वसमावेशी समाज का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाएं।”

सभी 34 जिला परिषदों के सीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे एक महीने के भीतर जांच रिपोर्ट दिव्यांग कल्याण आयुक्त को सौंपें। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 91 के अनुसार, फर्जी दिव्यांग पाए जाने पर दोषी को 2 साल तक की कैद या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

राज्य में फर्जी दिव्यांगों की संख्या बढ़ रही है। जिला परिषदों के अंतर्गत कार्यरत दिव्यांग अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर शासन की विभिन्न सुविधाओं का लाभ लेते हैं। इस संदर्भ में विभाग को कई शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में दिव्यांगों के Unique ID कार्ड पर भी संदेह जताया गया है। इसलिए राज्य के सभी 34 जिला परिषदों में दिव्यांग प्रमाणपत्रों की जांच करने का आदेश दिया गया है।

फर्जी लाभ उठाने वालों पर होगी कार्रवाई
जांच के बाद केवल वास्तविक दिव्यांगों को ही लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि प्रमाणपत्र गलत या फर्जी पाया गया, या दिव्यांगता 40% से कम निकली, तो ऐसे व्यक्तियों को कोई भी लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ ही, पहले से मिले लाभों को बंद कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश भी सचिव तुकाराम मुंढे ने सभी जिला परिषद मुख्य अधिकारियों को दिए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here