नई दिल्ली- अगर आपके घर या ऑफिस में अब भी लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल हो रहा है, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत लैंडलाइन नंबरों की डायलिंग प्रणाली में बदलाव किया जाएगा। इस योजना के अनुसार, अब फिक्स्ड लाइन से स्थानीय कॉल करने के लिए भी 10 अंकों का पूरा नंबर डायल करना होगा, जिससे लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल नंबर की तरह हो जाएंगे।
नई नंबरिंग प्रणाली का उद्देश्य
ट्राई ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि अप्रयुक्त फोन नंबरों को मुक्त करने और उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए एसटीडी कोड प्रणाली को समाप्त किया जाए। नई नंबरिंग प्रणाली राज्य या टेलीकॉम सर्कल स्तर पर लागू होगी। इसके तहत, फिक्स्ड-लाइन सेवा के लिए 10 अंकों की नंबरिंग योजना को एलएसए (लाइसेंस-प्राप्त सेवा क्षेत्र) के आधार पर लागू करने की सिफारिश की गई है, जिससे फोन नंबरों की कमी की समस्या हल हो सकेगी।
नए नियमों के तहत ऐसे डायल करना होगा नंबर
नए बदलावों के तहत, अब फिक्स्ड-लाइन से फिक्स्ड-लाइन कॉल करने के लिए नंबर से पहले ‘शून्य’ लगाना अनिवार्य होगा। यानी, किसी भी लोकल कॉल के लिए भी पहले ‘0’ डायल करना होगा, फिर एसडीसीए या एसटीडी कोड और अंत में ग्राहक का नंबर डायल करना होगा। इससे सभी कॉलिंग प्रक्रियाओं को एक समान रूप से व्यवस्थित किया जा सकेगा।
निष्क्रिय नंबर होंगे बंद
ट्राई ने यह भी स्पष्ट किया है कि मोबाइल या फिक्स्ड-लाइन कनेक्शन को तभी निष्क्रिय किया जाएगा जब वह 90 दिनों तक उपयोग में नहीं आएगा। निष्क्रिय होने के बाद भी नंबर को 365 दिनों तक सुरक्षित रखा जाएगा, जिसके बाद इसे स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।
कॉलर नेम डिस्प्ले सिस्टम की जल्द होगी शुरुआत
ट्राई ने यह भी सुझाव दिया है कि टेलीकॉम कंपनियों को जल्द से जल्द “कॉलर नेम डिस्प्ले” सिस्टम लागू करना चाहिए, जिससे कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान स्पष्ट हो सके और फर्जी कॉल्स पर रोक लगाई जा सके।