विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से निकासी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसकी प्रमुख वजह व्यापार युद्ध गहराने की आशंका है, जिस कारण निवेशकों ने कोरोना में बाजार में औंधे मुंह गिरावट और 2008 में वैश्विक मंदी को भी पीछे छोड़ दिया है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के समाप्त होने में 13 दिन बाकी हैं, फिर भी इन निवेशकों ने शुद्ध रूप से 1.53 लाख करोड़ के शेयर बेच दिए हैं।डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष से पहले 1.40 लाख करोड़ की सबसे बड़ी निकासी 2021-22 में हुई थी।