1 अक्टूबर से बदल गए हैं वित्तीय मामलों से जुड़े ये नियम

rupaye

1 अक्टूबर से वित्तीय मामलों से जुड़े कई नियमों में बदलाव हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अग्रिमों पर ब्याज दरों में संशोधन किया है और बैंकों को उधारकर्ताओं को फ्लोटिंग ब्याज दर पर स्विच करने की अनुमति दी है। इसके साथ ही टियर 3 और टियर 4 शहरी सहकारी बैंकों को सोने या चांदी के बदले लोन देने की सुविधा मिली है। लोन साधनों के पूंजी नियम भी अपडेट किए गए हैं।

#1

चेक क्लियरिंग और गोल्ड लोन

आज से गोल्ड लोन की चुकौती अवधि 180 दिन से बढ़ाकर 270 दिन कर दी गई है। विदेशी बैंकों को बड़े लोन फ्रेमवर्क और ग्रुप के अंदर लोन नियमों पर साफ जानकारी देनी होगी। RBI अब क्रेडिट सूचना रिपोर्टिंग में सुधार के लिए साप्ताहिक रिपोर्टिंग पर भी खास जोर दे रहा है ताकि पारदर्शिता और सुविधा बढ़े। इसके साथ ही, 4 अक्टूबर से RBI बैच-वार चेक क्लियरिंग की जगह लगातार क्लियरिंग प्रणाली लागू करेगा।

#2

बैंकों और सेवाओं में बदलाव

आज से HDFC बैंक ने इम्पेरिया ग्राहकों के लिए नए मानदंड लागू किए हैं। PNB ने लॉकर और अन्य सेवा शुल्क बढ़ाए हैं। यस बैंक के ग्राहकों को वेतन खातों में नए शुल्कों का सामना करना पड़ेगा। भारतीय रेलवे ने IRCTC ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए नए आधार-आधारित नियम लागू किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य सेवाओं में पारदर्शिता, सुरक्षा और ग्राहकों के हितों की रक्षा को मजबूत करना है।

#3

अन्य वित्तीय बदलाव और पेंशन नियम

आज से इंडिया पोस्ट ने स्पीड पोस्ट शुल्क बढ़ा दिए हैं और नई OTP-आधारित डिलीवरी प्रणाली लागू की है। PFRDA ने NPS और संबंधित योजनाओं के लिए शुल्क अपडेट किए हैं। गैर-सरकारी अंशधारकों को शेयरों में 100 प्रतिशत निवेश की सुविधा मिली है। सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS और NPS चुनने की समय-सीमा 30 सितंबर थी। इन सभी नियमों का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली को अधिक लचीला और सुरक्षित बनाना है।

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