सिंगापुर- सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शणमुगारत्नम ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। थरमन शणमुगारत्नम के सिंगापुर का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के साथ ही वह भारतीय मूल के उन नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं जो विश्व की महत्वपूर्ण राजधानियों में राजनीति पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं। उनकी जीत दुनिया भर में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक माना जा रहा है।
साल 2011 से 2019 तक सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री रहे शणमुगारत्नम (66) को 70.4 प्रतिशत वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों एन. कोक सोंग और टेन किन लियान को क्रमश: 15.7 प्रतिशत और 13.8 प्रतिशत वोट मिले। थरमन शणमुगारत्नम ने साल 2011 के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीनी मूल के दो प्रतिद्वंद्वियो को हराया।निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
कमल हैरिस ने भारतीय समुदाय के नेताओं के प्रभाव को बढ़ाया
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बढ़ते प्रभाव को कमला हैरिस की सफलता के रूप में देखा जा सकता है। कमला हैरिस देश की पहली महिला और पहली अश्वेत अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनीं। वह 2017 से 2021 तक कैलिफोर्निया की सीनेटर पद पर रहीं। डेमोक्रेट हैरिस ने 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में भी काम किया। उनका जन्म कैलिफोर्निया में भारतीय और जमैका माता-पिता के यहां हुआ था।
नवंबर के महीने में हुए महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनावों में, सत्तारूढ़ डेमोक्रेट पार्टी के रिकॉर्ड पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद – राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार – अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए हैं।
ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के पीएम हैं ऋषि सुनक
कैलिफोर्निया के एक प्रमुख राजनेता हरमीत ढिल्लों ने हाल ही में रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) के अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ा था। निक्की हेली और विवेक रामास्वामी जैसे भारतीय मूल के नेताओं ने 2024 में व्हाइट हाउस के लिए अपनी दावेदारी शुरू की है।
ऋषि सुनक पिछले साल ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने थे। सुनक 210 साल में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं। वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं। गोवा मूल की सुएला ब्रेवरमैन उनकी गृह सचिव के रूप में कार्यरत हैं।