नई दिल्ली- राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के पात्रता नियमों में शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत दस साल का अनुभव रखने वाले शिक्षक या प्रधानाध्यापक ही अब इसके लिए पात्र होंगे। वहीं स्कूलों में संविदा पर पढ़ाने वाले शिक्षक या फिर शिक्षा मित्र इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अब दस साल का अनुभव जरूरी होगा। शिक्षा मंत्रालय ने गाइड लाइन में बदलाव किया है। अब राज्यों के शिक्षा बोर्डों से संबद्ध निजी स्कूलों के शिक्षक भी इसमें हिस्सा ले सकेंगे। पुरस्कारों की भी संख्या 47 से बढ़ाकर 50 की गई है। इनमें दो दिव्यांग शिक्षक भी शामिल होंगे। पुरस्कार के लिए 15 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे।
अब 50 शिक्षकों का होगा सम्मान
इसके साथ ही, मंत्रालय ने हर साल दिए जाने वाले पुरस्कारों की संख्या भी बढ़ा दी है, जिसमें अब 47 की जगह देश भर के 50 शिक्षकों को यह सम्मान दिया जाएगा। इनमें दो दिव्यांग शिक्षक भी होंगे।शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के पात्रता नियमों और संख्या में इस बदलाव के साथ ही इसके लिए देश भर के शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किए है, जो 15 जुलाई तक किए जा सकेंगे। ये आवेदन जिलों और राज्यों से होते हुए शिक्षा मंत्रालय के पास पहुंचेंगे। इस दौरान प्रत्येक राज्यों से भेजे जाने वाले आवेदनों की संख्या भी तय कर दी गई है।
निजी स्कूलों के शिक्षक भी पा सकेंगे पुरस्कार
मंत्रालय के मुताबिक, इस बार के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार को लेकर जो और भी बड़े बदलाव किए गए है, उनमें अब राज्यों से शिक्षा बोर्डों से संबंधित निजी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हो सकेंगे। अब तक ऐसे शिक्षक आवेदन नहीं कर सकते थे।