नई दिल्ली- गैर पंजीकृत डीलरों के माध्यम से सिम कार्ड बेचने पर नए नियमों के अनुसार दूरसंचार कंपनियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।इस संबंध में दूरसंचार विभाग द्वारा जारी सुर्कलर में कहा गया है कि फर्जी नाम से सिम कार्ड की बिक्री रोकने के उद्देश्य से लाए गए नए नियम एक अक्टूबर से लागू होंगे और दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर से पहले सभी ‘प्वाइंट आफ सेल’ (पीओएस) को पंजीकृत करना होगा।
मौजूदा पीओएस को सितंबर के अंत तक दस्तावेज जमा करना होगा
सर्कुलर के अनुसार अपंजीकृत पीओएस के माध्यम से सक्रिय सभी मोबाइल कनेक्शनों को मौजूदा निर्देशों के अनुसार फिर से सत्यापित करना होगा। सभी मौजूदा पीओएस को भी सितंबर के अंत तक दस्तावेज जमा करने और पंजीकरण कराना होगा। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति सिर्फ रिचार्ज या बिलिंग गतिविधियों के लिए पीओएस का गठन करता है तो उसे पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए
पीओएस या खुदरा विक्रेता को पंजीकरण के लिए कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआइएन), आधार या पासपोर्ट, पैन, जीएसटी प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा। यदि कोई पीओएस जाली दस्तावेज जमा कराता है तो दूरसंचार कंपनियों को उसकी आइडी को ना केवल तुरंत ब्लाक करना होगा बल्कि पीओएस द्वारा पंजीकृत किए गए सभी ग्राहकों को फिर से पंजीकरण करना होगा।
कुछ दिनों पहले दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए हैं। जबकि 67,000 सिम कार्ड डीलरों को काली सूची में डाला गया है।