1 करोड़ लोगों ने ली मदद
सरकार द्वारा शुरू किए गए इस पोर्टल की सफलता के नतीजे अब दिखने लगे हैं। 2017 में शुरू हुए इस प्रोग्राम के तहत अब तक करीब 1 करोड़ लोगों ने रजिस्ट्रेशन कर कानूनी सहायता हासिल की है।टेली लॉ पोर्टल पर योग्य वकील लोगों को कानूनी सलाह, मदद और मार्गदर्शन देते हैं। इस पोर्टल पर 12 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग भी कानूनी सलाह ले चुके हैं। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में हाल ही में एक इंटरनल रिपोर्ट तैयार की है।
सलाह लेने में यूपी सबसे आगे
टेली लॉ पोर्टल पर कानूनी सलाह हासिल करने वाले राज्यों में यूपी सबसे आगे हैं। यूपी के करीब 19.20 लाख लोगों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया है, जिसमें से 19.06 लाख लोगों को सहायता मिल चुकी है। इसके बाद मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के लोगों ने सबसे ज्यादा सलाह ली।इस पर पैनल के वकील ने महिला को जनहित याचिका दायर करने की सलाह दी। महिला ने जनहित याचिका दायर की और फैसला उनके पक्ष में आया। अब आस-पास के सभी गांवों को इस अवैध वसूली से छूट मिल गई।
आप कैसे पूछ सकते हैं सवाल?
अब आप भी सोच रहे होंगे कि अगर आपको भी कोई कानूनी सलाह लेनी हो, तो टेली-लॉ पोर्टल का कैसे इस्तेमाल करना है।
- इसके बाद आपको ऊपर दाहिनी तरफ लिखे साइन अप ऑप्शन पर क्लिक करना है
- यहां एक विंडो खुलेगी, जिसमें आपको अपना नाम और मोबाइल नंबर भरकर जनरेट ओटीपी पर क्लिक करना है
- इसके बाद आपको एक कंप्यूटर कॉल आएगी, जिसमें आपको ओटीपी बताया जाएगा
- ओटीपी भरने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुल जाएगा, जिसमें आपकी अपनी डिटेल्स भरनी है
- यहां सारी डिटेल भरने और फोटो अपलोड करने के बाद आपका साइन अप प्रोसेस पूरा हो जाएगा
- अब आप अपना सवाल इसमें दर्ज कर सकते हैं
- सवाल लिखने के 24 घंटे के भीतर आपको वकील की तरफ से जवाब मिल जाएगा
बच्चों ने भी पूछे सवाल
एक बच्चे ने पोर्टल पर सवाल पूछा कि क्या स्कूल में होमवर्क न करने पर मुर्गा बनाना अपराध है? इस पर बच्चे के स्कूल के प्राचार्य से बात कर उन्हें समझाया गया कि बच्चों को किसी तरह की सजा नहीं दी जा सकती। उन्हें प्यार से या डांटकर ही समझाया जा सकता है।वहीं एक 16 साल के बच्चे ने पूछा कि क्या पिटाई करने पर मां-बाप के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है। इस पर वकील ने बच्चे के मां-बाप से बात कर उन्हें समझाया कि उनकी हरकतों से बच्चे के मन में उनके खिलाफ नफरत पैदा हो रही है। माता-पिता की कई राउंड की काउंसिलिंग की गई, तब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ।
कब हुई टेली-लॉ पोर्टल की शुरुआत?
टेली-लॉ प्रोग्राम की शुरुआत 2017 में हुई थी। तब इसे नॉर्थ ईस्ट के राज्यों और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट में मिली सफलता के बाद 2019 में इसे उत्तर प्रदेश और बिहार में भी शुरू किया गया।