काॅलेजों में भी होगी स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई,UGC जल्द लाॅन्च करेगा 1500 से अधिक किताबें

नई दिल्ली– विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विभिन्न स्थानीय भारतीय भाषाओं में जल्द ही किताबें लाॅन्च करेगा. इसके लिए यूजीसी की ओर से जल्द ही एक कमेटी का गणन किया जाएगा, जो विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार करने में मदद करेंगे. अभी हाल ही में सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों में क्षेत्रीय और मातृ भाषाओं में पढ़ाई कराने को लेकर एक निर्देश जारी किया था.

यूजीसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विभिन्न स्थानीय भारतीय भाषाओं में करीब 1500 से अधिक किताबें लाॅन्च करेगा. यूजीसी की ये पाठ्यपुस्तके आने वाले कुछ महीनों में आ सकती हैं. यूजीसी लगातार एनईपी 2020 के तहत उच्च शिक्षा को बढ़ाने लेने का काम कर रहा है. इससे पहले भी अनुदान आयोग नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा के संबंध में कई निर्देश विश्वविद्यालयों और काॅलेजों को जारी कर चुका है.

दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन सत्र के दौरान, पीएम मोदी ने असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू सहित 12 भारतीय भाषाओं में 100 पुस्तकों का विमोचन किया था. पीएम ने अपने संबोधन मे कहा था कि भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तकें और शिक्षण-शिक्षण सामग्री विकसित करने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण होंगे.

गठित होगी कमेटी

उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति नागेश्वर राव की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति भी बनाई गई है. जिसकी ओर से किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बताते हुए, यूजीसी अध्यक्ष एम जगदेश कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाओं में पुस्तकों के अनुवाद से मदद मिलेगी संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री विकसित करते हैं और उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाते हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार करने के लिए पूरे भारत में विषय विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और अनुवादकों की एक टीम भी बनाई जा रही है. अनुवाद कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पुस्तकों के अनुवाद के लिए सभी विश्वविद्यालयों को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं

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